चुनाव: मुद्दा: अब तक नहीं निकला खेतों से पानी, बरकरार है किसानों की परेशानी
खगड़िया । बीते तीन माह से कोसी काली कोसी के बाढ़ का पानी खेतों में जमा है। जिससे रबी फ
खगड़िया ।
बीते तीन माह से कोसी, काली कोसी के बाढ़ का पानी खेतों में जमा है। जिससे रबी फसल की बुआई पर संकट गहराता जा रहा है। किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसानों को मक्का की उचित कीमत नहीं मिली और धान की फसल भी डूब गई है। वे हताश हैं। अगर खेतों से शीघ्र पानी नहीं निकला, तो रबी की बुआई पर ग्रहण लग जाएगा। क्योंकि पानी निकलने बाद खेतों को सूखने में लंबा समय लगेगा।
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अब तक नहीं निकला निदान
काली कोसी की बाढ़ से होने वाले जल जमाव के निदान को लेकर
दशकों पूर्व सीमावर्ती महिनाथ नगर से पीरनगरा होते हुए पश्चिमी तेलिहार तक ड्रेनेज का निर्माण किया गया था। जमींदारी बांध पर तेलिहार गांव के समीप स्लूईस गेट का निर्माण हुआ। ताकि पानी की निकासी हो सके। जिसे एक पखवारा पूर्व खोला गया था, लेकिन मछुआरओं ने ड्रेनेज पर कई जगहों पर पानी को रोककर जाल लगाया गया है। जिससे काली कोसी की बाढ़ का पानी महिनाथ नगर, माली, पीरनगरा, बेला नौवाद के सैकड़ों एकड़ भूमि में अभी भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जो भयावह होती जा रही है। किसानों ने इस ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिसे क्षेत्र के लोगों ने इस चुनाव में जल जमाव को भी एक मुद्दा बनाने की योजना बना रखी है।
मालूम हो कि हर साल बेलदौर के किसानों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। कोसी-काली कोसी की बाढ़ में उनके सपने डूब जाते हैं।
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क्या कहते हैं अंचल अधिकारी
बेलदौर सीओ अमित कुमार ने कहा कि स्लूईस गेट को एक पखवारा पूर्व ही खोल दिया गया है। मछुआरे को नोटिस भेजकर अविलंब ड्रेनेज को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया जा रहा है।