कोरोना संक्रमण का प्रभाव है कम, बिना अस्पताल गए ठीक हो रहे लोग
तीसरी लहर के दस्तक के साथ जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं तेजी से संक्रमित मरीज ठीक भी हो रहे हैं। जिले में इस बार चार जनवरी से कोरोना संक्रमित मिलना आरंभ हुआ था। 20 दिनों में जिले में कुल 381 लोग कोरोना से संक्रमित मिले।
जागरण संवाददाता, खगड़िया: तीसरी लहर के दस्तक के साथ जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं तेजी से संक्रमित मरीज ठीक भी हो रहे हैं। जिले में इस बार चार जनवरी से कोरोना संक्रमित मिलना आरंभ हुआ था। 20 दिनों में जिले में कुल 381 लोग कोरोना से संक्रमित मिले। इन 20 दिनों में 303 लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य भी हो गए। वर्तमान में जिले में मात्र 78 संक्रमित बचे हैं। अहम यह है कि इस बार कोरोना की लहर में संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं हुई और न ही आक्सीजन की आवश्यकता पड़ी। सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बीते चार जनवरी को ही एक मरीज को भर्ती किया गया था। जिन्हें मात्र तीन दिन बाद ही अस्पताल से मुक्त भी कर दिया गया। उसके बाद से अब तक कोई मरीज भर्ती नहीं हुए हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा ने कहा कि इस बार कोरोना संक्रमित कोई गंभीर मरीज अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। उनके अनुसार कोरोना वायरस से लोग संक्रमित अवश्य हो रहे हैं, पर यह संक्रमण इस बार घातक असर नहीं कर रहा है। लोग होम आइसोलेशन में ही चार से पांच दिन में ठीक हो जा रहे हैं। संक्रमण के प्रभाव से लोग सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित तो हो रहे हैं, परंतु तीन चार दिन बाद बुखार नहीं रहता है और पहले जो सांस लेने में तकलीफ होती थी वह समस्या लोगों में नहीं है। विभागीय स्तर पर सात दिनों में पाजिटिव को निगेटिव माना जा रहा है। सीएस के अनुसार इस बार कोरोना वायरस का कम असर रहने का कारण लोगों का टीकाकरण होना है। जिससे वायरस अधिक असर नहीं डाल पा रहा है। वहीं कोरोना वायरस के म्युटेशन होने के कारण भी इसका प्रभाव कम हुआ है। लोग संक्रमित तो हो रहे पर घर पर इलाज के साथ ठीक हो जा रहे है। बाक्स
शशिकांत ने दोबारा से दी कोरोना को मात
जागरण संवाददाता, खगड़िया: सदर अस्पताल के प्रबंधक शशिकांत कुमार इस लहर में भी कोरोना संक्रमित हुए और कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हुए। इसके पूर्व शशिकांत कोरोना की पहली लहर में जून 2020 में संक्रमित हुए थे। तब ये 12 दिन में कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए और कोरोना से बचाव कार्य में जुटे रहे। इस बार कोरोना की लहर के आरंभिक दौर में चार जनवरी को ये पाजिटिव हुए। सात दिनों में कोरोना को मात दे दिए। शशिकांत के अनुसार इस बार कोरोना का प्रभाव काफी अधिक नहीं है। जो टीकाकरण और वायरस की शक्ति कम होने की वजह से है। जिस कारण लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं। शशिकांत के अनुसार पहली लहर में कोरोना पाजिटिव होने के कारण उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ा। उन्हें मधुमेह की समस्या हो गई। इस बार पुन: संक्रमित हो जाने के कारण कुछ परेशानी अवश्य महसूस हुई। कमजोरी अब भी महसूस हो रही है। सांस लेने में भी तकलीफ हुई थी। शशिकांत ने बताया कि पाजिटिव होने पर वे फौरन आइसोलेशन में चले गए। चिकित्सक की सलाह पर आवश्यक दवा के साथ स्टीम लेने के संग योग करने लगे। विटामीन युक्त भोजन को प्रधानता दी। एक सप्ताह के बाद निगेटिव हुए। परंतु, डायबिटीज व अन्य समस्या को लेकर परेशानी होने पर अलग से इलाज कराया। शशिकांत के अनुसार टीका लेने के कारण कोरोना का प्रभाव कम होता है। पर इसमें लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए। खास कर जो पूर्व में पाजिटिव हुए हों। किसी बीमारी से पहले से परेशान रह रहे हों।ऐसे लोग चिकित्सक की देखरेख में अवश्य रहें। हां, जिन्हें पहले से कोई समस्या नहीं है, वे आइसोलेशन में रहने के साथ पौष्टिक भोजन, स्टीम व योग करते रहें। डाक्टर की सलाह पर आवश्यक दवा लेते रहें, जल्द स्वस्थ होंगे।