संविधान की शपथ ले युग-युग के बंधन में बंधे आदित्य और आयुषी
जागरण संवाददाता खगड़िया सूबे की राजधानी पटना में दो जजों की हुई शादी चर्चा में है। मंगलव
जागरण संवाददाता, खगड़िया: सूबे की राजधानी पटना में दो जजों की हुई शादी चर्चा में है। मंगलवार को दिनभर खगड़िया व्यवहार न्यायालय परिसर में आम और खास के बीच इस अनोखी शादी की चर्चा होती रही। दरअसल, सोमवार को राजधानी के आम्रपाली रेस्टोरेंट में खगड़िया व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित न्यायिक दंडाधिकारी, द्वितीय श्रेणी आदित्य प्रकाश और पटना सिविल कोर्ट में जज आयुषी कुमारी शादी के बंधन में बंधे। इस शादी की खासियत यह रही कि, न दान और न दहेज, न पंडित और न मंत्रोच्चार, दोनों जज आदित्य प्रकाश और आयुषी कुमारी ने संविधान की शपथ ली व एक-दूसरे को जयमाल डालकर युग-युग के बंधन में बंध गए। कन्यादान, सिदूरदान व अग्नि के सात फेरे की रश्में भी नहीं हुईं।
हाजीपुर के रहने वाले हैं आदित्य प्रकाश
मालूम हो कि आदित्य प्रकाश हाजीपुर(वैशाली) के वार्ड नंबर 20, यूसुफपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 28 जनवरी 2020 को खगड़िया व्यवहार न्यायालय में परिवीक्षकाधीन मुंसिफ के रूप में योगदान दिया। 27 सितंबर 2021 से वे न्यायिक दंडाधिकारी, द्वितीय श्रेणी के पद पर खगड़िया व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित हैं।
क्या कहते हैं खगड़िया के अधिवक्ता
इस शादी की खगड़िया के अधिवक्ताओं ने तहे दिल से प्रशंसा की है और एक विरल उदाहरण बताया है।
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यह कदम स्वागत योग्य है। इससे समाज में अच्छा ²ष्टांत जाएगा। बिहार में जब कोई युवा पद पर आते हैं तो दहेज का उनका डिमांड बढ़ जाता है। लेकिन एक न्यायिक दंडाधिकारी होने के बावजूद दहेज मुक्त विवाह सराहनीय कदम है। इससे बिहार की छवि बदलेगी। ऐसा उदाहरण बिहार की छवि को नए रूप में लाने में मददगार होंगे।
अजिताभ सिन्हा
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बिना दहेज की हुई इस शादी का समाज में अच्छा मैसेज जाएगा। यह स्वागत योग्य कदम है। दूसरे को भी इससे उदाहरण लेना चाहिए।
राजीव प्रसाद उर्फ पिकू बाबू
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यह शादी समाज के लिए आइना स्वरूप है। इससे समाज में बदलाव आएगा और इस बदलाव की अनिवार्यता भी है। दोनों जज ने विरल उदाहरण प्रस्तुत किया है।
रेखा कुमारी
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यह प्रेरणादायक उदाहरण है। संविधान की शपथ ले शादी हुई है, यह तो बहुत ही सुंदर बात हुई। इस आदर्श विवाह की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।
अवंतिका आम्रपाली