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असावधानी के कारण होती हैं सड़क दुर्घटनाएं

खगड़िया।असावधानी के कारण सड़कों पर रोज कहीं न कहीं दुर्घटना होती रहती है। रोज कि

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:52 PM (IST)
असावधानी के कारण होती हैं सड़क दुर्घटनाएं
असावधानी के कारण होती हैं सड़क दुर्घटनाएं

खगड़िया।असावधानी के कारण सड़कों पर रोज कहीं न कहीं दुर्घटना होती रहती है। रोज किसी न किसी की मौत होती है। कई जख्मी होकर अपंग बनकर रह जाते हैं। हादसे पर विभाग चिता जताकर तो प्रशासन मृतक के स्वजनों को आपदा सहायता देकर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। एकल हादसे वाले मौत में तो आपदा के तहत सहायता भी नहीं मिल पाती है। हादसे पर रोक लगाने व यातायात नियमों के पालन की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। रफ्तार का कहर, अप्रशिक्षित चालक, वाहनों की फिटनेश व अन्य यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण लगातार घटनाएं घट रही हैं। सड़क पर अधिकांश वाहनों के फिटनेस की भी जांच नहीं हो रही है। जिसके कारण दुर्घटना में मरने वालों के आश्रितों पर जहां दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है, वहीं अपंग हुए लोग को जिदगी भर की परेशानी होती है। एनएच 31 पर होते हैं अधिक हादसे

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सड़क दुर्घटना जिले की सभी सड़कों पर घटित होती रहती है। सर्वाधिक दुर्घटना एनएच 31 पर होती है। जिले के भागलपुर-खगड़िया सीमा सतीश नगर से बेगूसराय सीमा दुर्गापुर तक एनएच 31 लंबी दूरी में गुजरी है। चार प्रखंडों के जिला मुख्यालय तक पहुंचने का मुख्य रास्ता एनएच 31 ही है। जिस कारण यहां एनएच 31 पर वाहनों की भीड़ होती है। कभी तेज रफ्तार तो कभी ओवरटेकिग के चक्कर में दुर्घटना होती रहती है। एनएच 31 पर महेशखूंट- रोहरी बन्नी के पास, ठाठा गांव के समीप, मानसी एकनिया व पांच किलोमीटर ब्लैक स्पॉट है, जहां सर्वाधिक घटनाएं होती है। इसके अलावा एनएच 107, महेशखूंट- अगुवानी पथ, खगड़िया-अलौली व खगड़िया- बखरी पथ में अधिक दुर्घटनाएं होती है। अप्रशिक्षित व नाबालिग चालक भी चलाते हैं वाहन

विभागीय उदासीनता के कारण जिले की सड़कों पर काफी संख्या में नाबालिग स्कूटी, बाइक, ऑटो व चार चक्का वाहन चलाते दिख जाएंगे। जिस पर कोई रोक-टोक नहीं है। अधिकांश ऑटो व ई- रिक्शा पर नाबालिग चालक होते हैं। जिससे दुर्घटना होती है। ओवरलोडिग पर नहीं दिया जाता है ध्यान

सड़कों पर यात्री वाहन हो या मालवाहक वाहन लगभग हर वाहन पर ओवरलोडिग होती है। जिस पर विभागीय स्तर पर कोई अंकुश नहीं लगाया जाता है। ओवरलोड वाहनों के चालक तेज रफ्तार से बाज भी नहीं आते हैं। जिस कारण ओवरलोड वाहन घुमावदार व ढलान स्थलों के पास पलट जाते हैं। अचानक ब्रेक लगाने के कारण भी दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। मंगलवार को बेलदौर में मूली लदा ओवरलोड ट्रक गड्ढे में पलट गया। वहीं चौथम में डंफर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। बेतरतीब वाहन खड़ा करना भी बनता है दुर्घटना का कारण

सड़क पर अथवा उसके किनारे बेतरतीब वाहन खड़ा कर देने से भी दुर्घटनाएं घटती है। रात में व कोहरे में तेज रफ्तार वाहन खड़े वाहनों से टकरा जाते हैं। और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। महेशखूंट आसाम रोड चौराहे और आसपास हर हमेशा बेतरतीब वाहन खड़े किए जाते हैं। ''परिवहन नियम लोगों की सुरक्षा को लेकर ही बनाए गए हैं। जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए। नियम के पालन को लेकर विभागीय स्तर पर लगातार जांच कर कार्रवाई होती है। प्रत्येक शनिवार को सीट बेल्ट, हेलमेट को लेकर जांच कराई जाती है। अन्य दिनों में ओवरलोडिग, तेज रफ्तार आदि को ले जांच होती है। इसे लेकर लोगों को जागरूक होना होगा कि उनकी सुरक्षा खुद उनके हाथों में ही है।

धीरेंद्र कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, खगड़िया।


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