राशि निकासी के बाद भी नहीं हो सका कार्य आरंभ
खगड़िया। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की राशि निकाल कर कार्य शुरू नहीं करने का मामला प्रका
खगड़िया।
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की राशि निकाल कर कार्य शुरू नहीं करने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि इस मामले में पंचायत सचिवों द्वारा वार्ड क्रियान्वयन समिति को नोटिस भी की गई है। इसके बावजूद निर्माण शुरू तक नहीं किया गया है। पूरा मामला चौथम प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कई पंचायतों की वार्डों का है। बताया जाता है कि वार्ड क्रियान्वयन समिति पर कार्रवाई करने में अधिकारियों द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। जिस कारण वार्ड क्रियान्वयन समिति के वार्ड सदस्य व सचिव काम नहीं कर रहे हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के गली-नली का कार्य अक्टूबर 2020 तक ही पूरा करना था।
राशि निकासी के बावजूद कार्य नहीं हो सका है। चौथम प्रखंड के रोहियार पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर- एक में ब्रह्मदेव यादव के घर से जंगली चौधरी घर होते हुए महेश चौधरी के घर तक नाला निर्माण होना था। जिसमें एक हजार फीट में नाला का निर्माण किया जाना है। इस योजना में वार्ड सदस्य व सचिव द्वारा वर्ष 2018 में ही 60 प्रतिशत राशि की निकासी कर ली गई है। लेकिन आज तक कार्य शुरू तक नहीं किया जा सका है। इसके अलावा मध्य बौरने पंचायत के वार्ड नंबर- 12 में भी दो लाख 41 हजार रुपये की लागत से लेलकन घर से शिवजी शर्मा घर होते हुए विपिन शर्मा के घर तक नाला निर्माण, सोखपीट व पेवर्स ब्लॉक लगाने का कार्य होना था। इस योजना में भी बीते 29 जनवरी 2020 को 60 प्रतिशत की राशि वार्ड क्रियान्वयन समिति के खाते में भेजी गई। वार्ड सदस्य द्वारा राशि की निकासी कर ली गई। लेकिन निर्माण अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। इसके अलावा उसी वार्ड में भागरथी सिंह के घर से भोला सिंह बासा तक मिट्टी भराई, ईंट सोलिग व पीसीसी सड़क का निर्माण 13 लाख 92 हजार की राशि से होनी थी। बताया जाता है कि वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा पूरी राशि की निकासी कर ली गई है। लेकिन कार्य को पूरा नहीं किया जा सका है। पंचायत सचिव कामता प्रसाद बताते हैं कि दोनों वार्डों के वार्ड क्रियान्वयन समिति को नोटिस की गई है। इसके बावजूद कार्य नहीं किया जा रहा है।
''राशि निकासी कर कार्य शुरू नहीं करना गबन का मामला है। अक्टूबर 2020 तक कार्य करने को लेकर समय दिया गया था। अब अंतिम समय सीमा भी समाप्त हो चुका है। अब जांच कर सीधे वार्ड क्रियान्वयन समिति पर सर्टिफिकेट केस दर्ज कर राशि की वसूली की जाएगी।''
राजकुमार पंडित, बीडीओ, चौथम।