राजनीतिज्ञ दिग्गजों की भूमि अलौली में विकास को खोज रहे लोग
खगड़िया । अलौली (सुरक्षित) विधानसभा आज भी विकास से कोसों दूर है। बाढ़ कटाव और विस्थापन क
खगड़िया । अलौली (सुरक्षित) विधानसभा आज भी विकास से कोसों दूर है। बाढ़, कटाव और विस्थापन की त्रासदी यहां के लोग दशकों से झेल रहे हैं, लेकिन निदान नहीं निकला है।चुनाव के समय नेताजी आश्वासन की बारिश करते हैं और फिर भूल जाते हैं। जबकि यह राजनीतिज्ञ दिग्गजों की भूमि है। प्रखंड मुख्यालय स्थित श्री युवक प्रखंड पुस्तकालय के जीर्णोद्धार को लेकर कई दफा आंदोलन हुआ, परंतु परिणाम ढाक का तीन पात ही निकला। बाढ़-कटाव का नहीं निकला निदान अलौली की बड़ी आबादी प्रतिवर्ष बाढ़-कटाव झेलने को विवश है। यहां सावन-भादो में कोसी, बागमती, कमला और करेह तबाही मचाती है।बाढ़ से हर वर्ष 50 हजार से ऊपर की आबादी प्रभावित होती है। इस वर्ष भी अलौली प्रखंड की चेराखेरा, आनंदपुर मारन, दहमा-खेरी-खुटहा और
शहरबन्नी पंचायत बाढ़ से पूर्ण प्रभावित रही। जबकि रामपुर अलौली और हथवन आंशिक रूप से प्रभावित रही। इसके साथ ही चेरखेरा पंचायत की उत्तरी बोहरवा में बागमती की कटाव से तीन दर्जन से अधिक परिवारों को विस्थापित होना पड़ा।यहां वर्ष 2003 से कटाव जारी है और आज तक निदान नहीं निकला है। श्री युवक प्रखंड पुस्तकालय की किताबें चाट गई दीमक अलौली प्रखंड मुख्यालय के समीप अवस्थित श्री युवक प्रखंड पुस्तकालय को आज किसी मसीहा की तलाश है। पुस्तकालय भवन जर्जरता की सीमा को पार कर चुका है। लेकिन इस ओर किन्हीं का ध्यान नहीं है। न तो अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देते हैं। पुस्तकालय की किताबें कब दीमक चाट चुकी है। अब तो पुस्तकालय परिसर पर भी अतिक्रमणकारियों की नजर है। प्रखंड पुस्तकालय कभी काफी समृद्ध था। फरकिया मिशन के संस्थापक किरणदेव यादव ने कहा कि पुस्तकालय के जीर्णोद्धार को लेकर कई बार आंदोलन भी हुआ।परंतु, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की तंद्रा नहीं टूटी है।
गढ़ घाट पर पुल नहीं कोसी नदी के गढ़ घाट पर पुल निर्माण की मांग दशकों से उठती रही है।परंतु, आज तक पुल सपना ही है। इससे फरकिया के आनंदपुर मारन, परास, हन्ना मुसहरी, गोला, सोनमनकी, हथवन पंचायत की बिट टोली, रामपुर अलौली पंचायत की सिसवा आदि गांवों के लोगों को कोसी नदी पारकर प्रखंड मुख्यालय अलौली पहुंचना पड़ता है। नदी जब उफान पर होती है, तो फरकियावासी जान जोखिम में डालकर इसे नौका से पार करते हैं। गढ़ घाट की दूरी अलौली प्रखंड मुख्यालय से मात्र डेढ़ किलोमीटर है। आनंदपुर के संपत कुमार और परास के राजेश यादव कहते हैं- गढ़ घाट पर पुल बन जाने से विकास का नया मार्ग प्रशस्त होगा।