Move to Jagran APP

यहां अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहते हैं

बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की दयनीय स्थिति है। जो अपने उद्देश्य से भटका हुआ नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र कब खुलता और कब बंद होता है इसका पता भी लोगों को नहीं चल पाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:58 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 11:58 PM (IST)
यहां अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहते हैं
यहां अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहते हैं

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की दयनीय स्थिति है। जो अपने उद्देश्य से भटका हुआ नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र कब खुलता और कब बंद होता है इसका पता भी लोगों को नहीं चल पाता है। यह कहना गलत नहीं कि केंद्रों का संचालन कागजों पर ही किया जा रहा है। सोमवार को दैनिक जागरण टीम ने चार आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल की। जिसमें कई खामियां देखने को मिली।

loksabha election banner

टीम सोमवार को 11:32 बजे पंचायत भवन महिनाथ नगर के बरामदा पर संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 127 पर पहुंची। जहां न तो केंद्र पर बच्चे थे और न ही सेविका व सहायिका ही उपस्थित थी। यहां की स्थिति देख कहीं से भी यह नहीं लग रहा था कि यहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है। यहां परिसर में कुछ किशोर खेलकूद कर रहे थे। पोषक क्षेत्र के ग्रामीणों के मुताबिक केंद्र का संचालन भगवान भरोसे किया जा रहा है। केंद्र की सेविका संगीता कुमारी कभी-कभार केंद्र पर नजर आती है। टीएचआर का वितरण नहीं किए जाने की शिकायत ग्रामीणों ने की।

उसके बाद 12 बजे गौगी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 38 पर टीम पहुंची। जो सेविका के दरवाजे पर ही एक झोपड़ी में संचालित है। टीम जब पहुंची केंद्र बंद था। पूछने पर सेविका राजकुमारी देवी के पुत्र ने बताया कि उनकी मां सेविका है, जो बीमार हैं। सहायिका नहीं आई, इसलिए केंद्र बंद पड़ा हुआ है। आस-पड़ोस के ग्रामीणों ने बताया कि सेविका के स्वजन दबंग हैं। डर से कौन मुंह खोलेगा। नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि केंद्र का संचालन कागजों पर ही हो रहा है। दूसरी जगह केंद्र रहता, तो कोई जाता भी। सेविका घर पर ही केंद्र चलाती है। टीएचआर वितरण भी नहीं किए जाने की बात ग्रामीणों ने कही।

अकेले केंद्र पर बैठी मिली सेविका

उसके बाद समय 12 बजकर 31 मिनट पर अकहा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 190 पर टीम पहुंची। यह केंद्र भी सेविका के दरवाजे पर एक फूस की झोपड़ी में संचालित है। केंद्र पर अकेले सेविका रेणु देवी ड्रेस कोड में कुर्सी पर बैठी नजर आई। केंद्र पर एक भी बच्चा नहीं रहने के सवाल का जवाब देते हुए सेविका ने बताया कि कोरोना के कारण आधे बच्चों की उपस्थिति के साथ संचालन किया जा रहा है। एक बजने पर 14 बच्चों को घर से बुलाकर केंद्र पर एमडीएम खिलाया जाता है। जबकि ग्रामीण नियमित रूप से केंद्र संचालन नहीं होने की बात कही।

सुनसान पड़ा था केंद्र संख्या 30

उसके बाद समय 12:42 बजे अकहा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 30 पर टीम पहुंची तो यह केंद्र भी सेविका सावित्री देवी के चदरा के बने एक छोटे से घर में संचालित दिखा। केंद्र पूरी तरह सुनसान पड़ा हुआ था। पूछने पर आस-पड़ोस के ग्रामीणों ने बताया कि सेविका कहीं गई होगी। वैसे अक्सर केंद्र बंद ही रहता है। कोट

आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 127, 30 एवं 190 बंद क्यों था, इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वैसे भीषण ठंड के मद्देनजर केंद्र पर अधिक समय तक बच्चों को नहीं रखने एवं एमडीएम खिलाकर बच्चों को छोड़ देने का निर्देश दिया गया है।

लीना सिह, सीडीपीओ, बेलदौर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.