गर्मी के दस्तक देते ही मनिहारी में पांच फीट खिसक जाता है जलस्तर
कटिहार। पावन गंगा के किनारे बसे मनिहारी नगर पंचायत क्षेत्र में गर्मी की दस्तक के साथ भूगर्भ ज
कटिहार। पावन गंगा के किनारे बसे मनिहारी नगर पंचायत क्षेत्र में गर्मी की दस्तक के साथ भूगर्भ जलस्तर में गिरावट आम बात है। इससे कुछ जगहों पर पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। यद्यपि गत वर्ष पेयजल की समस्या सामने नहीं आई, लेकिन जलस्तर में उस दौरान भी गिरावट आई थी। अमूमन ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 15 फीट के आसपास जल का स्तर यहां रहता है, जबकि गर्मी के समय में लगभग 18 से 19 फीट के करीब में वाटर लेबल मिलता है।
फिलहाल सरकार द्वारा भी हर घर नल का जल योजना का लाभ कई घरों में पहुंच चुका विभाग द्वारा गंगा के किनारे बाघमारा पंचायत, बघार पंचायत और साउथ पंचायत में वाटर लेबल समय समय पर लिया जाता है। वही नगर पंचायत मनिहारी के वार्ड 11, 12, 13, 14 और 15 के इलाकों में गर्मी के दिनों में वाटर लेबल को लेकर दिक्कत होती है। यहां कुछ वार्डो में पथरीली जमीन होने के कारण चापाकल गाड़ने में कठिनाई होती है। कई लोग यहां उच्च तकनीक मशीन से अपने अपने घरों में बोरिग कराया है। विभाग द्वारा पूर्व के वर्षो में नगर के वार्ड 11, 12, 13, 14 और 15 के कई टोलों में पाइप लाइन बिछाया है लेकिन ऊपरी इलाका होने के कारण जलमीनार से पानी पहुंचने में परेशानी अब भी बरकरार है। गर्मी के समय में नगर के वार्ड 11, 12, 13, 14 एवं 15 के अलावा कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल की समस्या होती रही है।इधर कुछ समय से लोगों को थोड़ी राहत मिली हे। लोग जरूरत अनुसार बोरिग अपने अपने घरों में कराया है तो कुछ ने चापाकल लगवाया है। वही विभागीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल का जल योजना के तहत कई घरों में नल पहुंच चुका है। यद्यपि यह कार्य फिलहाल नाकाफी है। पीएचईडी विभाग के जेई का कहना है कि वाटर लेबल मनिहारी के बाघमारा, बघार एवं साउथ कांटाकोश में समय समय पर मापा जाता है। बाढ़ बरसात व अभी के समय में ग्रामीण इलाकों में वाटर लेबल 13 से 15 फीट पर रहता है और भीषण गर्मी के समय में वाटर लेबल 17 से 19 फीट तक रहता है। तीनों पंचायत में करीब डेढ़ से दो फीट का अंतर होता है। हर घर नल जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को इसका लाभ मिल रहा है।