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सिद्धू प्रकरण से वोटरों के मिजाज को मापने की भी रही कोशिश

कटिहार। चुनावी सभा में कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के विवादित बयान का मामला भले ही चुनाव आयोग

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 01:29 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:44 AM (IST)
सिद्धू प्रकरण से वोटरों के मिजाज को मापने की भी रही कोशिश
सिद्धू प्रकरण से वोटरों के मिजाज को मापने की भी रही कोशिश

कटिहार। चुनावी सभा में कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू के विवादित बयान का मामला भले ही चुनाव आयोग तक पहुंच गया हो, लेकिन मतदान के दिन गुरूवार को मतदान केंद्रों के आसपास यह मामला चर्चा में रहा। सुबह से ही एनडीए व महागठबंधन के कार्यकर्ता बूथ के आसपास वोटरों की नब्ज टटोलने की कोशिश करते दिखे। हालांकि मतदाता जिस ओर का मिला, उसकी हां में हां कह आगे बढ़ते गए। दिन चढ़ते ही मतदाताओं की भीड़ बढ़ते देख समर्थक अंतिम समय में भी वोटरों की गोलबंदी करने की जुगत में पीछे नहीं रहे। सिद्धू के विवादित बयान से मिजाज टटोला जाता रहा। शहर के गोशाला चौक के समीप एक दुकान पर बैठे कुछ युवा वोटर पर्ची लेने पहुंचे मतदाताओं से क्या बोला था, याद है कि नहीं, कहने से भी नहीं चूके। मतदाताओं पर इसका कितना प्रभाव हुआ यह तो 23 मई को वोटों की गिनती के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन मतदान के चार दिन पूर्व से ही सिद्धू के विवादित बयान ने कटिहार संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की गोलबंदी जरूर कर दी है। कांग्रेस नेता की चुनावी रैली के बाद प्रत्याशी के जनसंपर्क अभियान ने भी नया मोड़ लिया। पाकिस्तानी मीडिया में सिद्धू प्रकरण की सुर्खियां सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। महागठबंधन प्रत्याशी ने बयान को आपत्तिजनक कह कर डैमेज कंट्रोल की भरसक कोशिश की। लेकिन एनडीए समर्थकों ने इस प्रकरण को वोटरों को गोलबंद करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। शहर के महिला कॉलेज बूथ पर मतदान करने जाते मतदाताओं के बीच भी स्टार प्रचारकों के दिए भाषण पर चर्चा होती रही।

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उ पट्टी वाला सब आ गया, तू लोग कहां है

शहर के कटिहार मध्य विद्यालय, नगर निगम सहित अन्य मतदान केंद्रों पर वोटरों को बूथ तक लाने को भी जद्दोहजद चलती रही। मध्य विद्यालय बनिया टोला बूथ पर नजारा ही अलग था। मोबाइल पर युवा अपने परिचित व रिश्तेदार को मतदान के लिए आने के लिए कहते दिखे। एक ने तो कहा उ पट्टी वाला सब आ गय, तू लोग कहां है। वोटरों को बूथ तक लाने के लिए पार्टियों के समर्थक अपनी बाइक से उनके घर तक पहुंचने से पीछे नहीं रहे। घर से मतदान केंद्र तक लाने के दौरान भी कानाफूसी चलती रही। कुछ मतदाता वोट देने के बाद खुले जरूर, लेकिन अधिकांश के कुछ नहीं बताया। रूझान भांपने में कामयाबी नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने वरीय नेताओं को मोबाइल पर कहा, चिता मत कीजिए अपने पक्ष में अंडर करंट है।

वोट प्रतिशत पर संभावित हार-जीत के लगाए जा रहे कयास

मतदान संपन्न होने के साथ ही प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय में स्थानीय पार्टी नेताओं की जमघट लगनी शुरू हो गई है। पोलिग एजेंट एवं अन्य माध्यमों से मतदान का प्रतिशत जुटा कर संभावित हार- जीत का कयास लगाया जा रहा है। बूथ पर मतदाताओं की संख्या, जातीय समीकरण और मतदान प्रतिशत के आधार पर हार-जीत का लिटमस टेस्ट किया जा रहा है। एनडीए और महागठबंधन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कटिहार संसदीय सीट पर जातीय समीकरण पर वोटरों की गोलबंदी भारी पड़ेगी। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो 23 मई को ईवीएम खुलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।


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