पकड़िया काली मंदिर में मन्नत पूरी होने पर चढ़ाई जाती है मूर्ति
कटिहार। प्राणपुर प्रखंड के सहजा स्थित पकड़िया काली मंदिर से लोगों की असीम श्रद्धा जुड़ी ह
कटिहार। प्राणपुर प्रखंड के सहजा स्थित पकड़िया काली मंदिर से लोगों की असीम श्रद्धा जुड़ी है। मंदिर का निर्माण अंग्रेजों के शासन काल में वर्ष 1902 ई. में कराया गया था। यह मंदिर मनोकामना सीटी के नाम से भी चर्चित है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मुख्य रूप से काली पूजा के मौके पर यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है। मन्नत पूरी होने पर लोग यहां मिट्टी और धातु की प्रतिमा चढ़ाते हैं। पूजा अर्चना को लेकर यहां बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड से श्रद्धालु पहुंचते हैं। बता दें कि मंदिर की स्थापना सहजा स्टेशन के समीप कराई गई थी। पुराने समय में मंदिर का पता लोगों को नहीं था। स्टेशन निर्माण के दौरान यहां मंदिर की स्थापना हुई है। मंदिर से रेल कर्मियों की भी असीम श्रद्धा जुड़ी हुई है। बली प्रथा के बदले चढ़ाया जाता है कुम्हरा :
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम यादव व सचिव अशोक सिंह ने बताया कि यह क्षेत्र का एतिहासिक मंदिर है। यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। यहां पूजा में बली प्रथा के बदले कुम्हरा चढ़ाने की परंपरा है। इसको लेकर दूर-दूर से लोग यहां पूजा अर्चना करने को लेकर पहुंचते हैं। आस्था के कारण क्षेत्र के लोग इस पूजा में अवश्य पहुंचते हैं। पूजा की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। प्रतिमा चढ़ाने के लिए अर्जी देते हैं श्रद्धालु : मंदिर में पूजा अर्चना के साथ ही मूर्ति चढ़ाने को लेकर लोगों की भीड़ जुटती है। इसके लिए स्थान और समय के अनुसार लोग इसकी पहले से अर्जी देते हैं। यहां पूजा के दौरान दो सौ से प्रतिमा चढ़ाया जाता है। सचिव ने बताया कि गत वर्ष सोना, चांदी के सौ से अधिक व मिट्टी के एक सौ प्रतिमा से अधिक प्रतिमा चढ़ाई गई थी। इस वर्ष भी इसको लेकर लोग अर्जी दे रहे हैं।