कहने को सेटेलाइट स्टेशन, पानी को भी तरस रहे यात्री
कटिहार। स्टेशन के आउटर पर मनिहारी टर्मिनल सह सेटेलाइट स्टेशन की स्थापना के एक साल बाद भी यहां सुविधा
कटिहार। स्टेशन के आउटर पर मनिहारी टर्मिनल सह सेटेलाइट स्टेशन की स्थापना के एक साल बाद भी यहां सुविधाओं का टोटा बरकरार है। यात्रियों की सुविधा के लिए की गई यह पहल लोगों का दर्द बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। बता दें कि यहां से मनिहारी रुट की डीएमयू ट्रेन का परिचालन किया जाता है। इस टर्मिनल पर ना तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और ना ही अन्य सुविधाएं। मनिहारी टर्मिनल से कटिहार स्टेशन जाने में भी लोगों को काफी परेशानी होती है। नहीं है पूछताछ काउंटर :
मनिहारी टर्मिनल सेटेलाइट स्टेशन पर पूछताछ काउंटर नहीं होने से बाहर से आने वाले रेल यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग आसपास के लोगों से ही ट्रेन की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं और इस चलते यदा-कदा उन्हें झिड़की भी सहनी पड़ती है। ट्रेन पर चढ़ने में भी परेशानी:
मनिहारी टर्मिनल से ट्रेनों में चढ़ने में भी यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ट्रेन जिस जगह पर रूकती है, उस जगह पर प्लेटफार्म का सतह काफी नीचे है। जिससे रेल यात्री खासकर वृद्ध, महिला व बच्चे को ट्रेन पर चढ़ने में काफी परेशानी हो रही है।
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जान जोखिम में डालकर पहुंचते हैं सेटेलाइट स्टेशन:
कटिहार: मनिहारी टर्मिनल से बाहर निकलने के लिए कोई समुचित रास्ता रेलवे प्रशासन की ओर से नहीं बनाया गया है। रेलयात्री स्टेशन से कटिहार स्टेशन तक पहुंचने के लिए रेलवे ट्रैक को पार करते हैं। जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रेल प्रशासन की ओर से मुख्य स्टेशन भवन तक पहुंचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। इन दोनों स्टेशनों को जोड़ने के लिए अबतक कोई भी एफओबी या आरओबी का निर्माण नहीं कराया गया है। खासकर लगेज का लो¨डग-अनलो¨डग में काफी परेशानी होती है। रेल यात्रियों को बाहर निकलने के लिए नगर निगम या सब्जी मंडी से होकर ही अपने गंतव्य स्थान तक जाना पड़ता है। जबकि इस रास्ते पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। बरसात के दिनों में इस रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है। टर्मिनल स्टेशन पर यात्रियों को बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। जिससे बरसात व गर्मी के मौसम में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस स्टेशन से 12 से 15 डिब्बे की ट्रेन का परिचालन होता है। जबकि एक डिब्बे के अनुसार ही शेड का निर्माण किया गया है।