पोषक क्षेत्र में स्कूल से वंचित बच्चों को ढूंढेंगे गुरूजी
कटिहार। स्कूल जाने से वंचित एवं पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले ड्रॉपआउट बच्चों को सरका
कटिहार। स्कूल जाने से वंचित एवं पढ़ाई बीच में छोड़ देने वाले ड्रॉपआउट बच्चों को सरकारी विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिका अपने पोषक क्षेत्र के घर-घर जाकर ढूंढने का काम करेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा इससे संबंधित दिशा निर्देश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया है। नामांकन पखवाड़ा के तहत एक जुलाई से 15 जुलाई तक यह विशेष सर्वे अभियान चलाया जाएगा। स्कूली शिक्षा से वंचित छह से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों की खोज कर निकटतम सरकारी विद्यालय में बच्चों की उम्र के अनुरुप कक्षा में नामांकन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। सर्वे के तहत ऐसे बच्चों की संख्या का आकलन भी किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल में पठन-पाठन ठप रहने के बावजूद बच्चों का नामांकन अनिवार्य रूप से कराने को कहा गया है। एक पखवाड़ा तक चलने वाले इस कार्यक्रम से स्कूल नहीं जाने के कारणों का पता किया जाएगा। बच्चों को उनके अभिभावक के साथ नामांकन के लिए विद्यालीय लाने का निर्देश शिक्षकों को दिया गया है। सर्वे कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को प्रतिदिन सर्वेक्षित घर, स्कूल से वंचित बच्चे तथा निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या से संबंधित प्रतिवेदन विभाग को देने का निर्देश दिया गया है। स्कूल नहीं भेजने के कारणों का उल्लेख भी प्रतिवेदन में किया जाएगा। निर्धनता या गंभीर बीमारी से संबंधित कारण सामने आने पर सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार की योजना का लाभ संबंधित बच्चों के अभिभावक दिलाए जाने की पहल भी की जाएगी।
पांच लाख बच्चे अब भी प्रारंभिक शिक्षा से वंचित
जिले में करीब पांच लाख बच्चे अब भी प्रारंभिक शिक्षा से वंचित हैं। कक्षा से एक आठ तक की पढ़ाई में इनमें से कई बच्चे बीच में ही अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। स्कूल जाने से वंचित एवं ड्रॉप आउट बच्चों में अधिकांश दिहाड़ी मजदूर परिवार से आते हैं। वार्ड में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में ऐसे बच्चों को नामांकित करने की कवायद की जा रही है। कोरोना काल में स्कूल में पठन पाठन बंद है। लेकिन शिक्षकों को अनिवार्य रूप से विद्यालय में उपस्थित रहने को कहा गया है। विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों को वंचित बच्चों का नामांकन कराने को लेकर घर-धर सर्वे कराया जाएगा।