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संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण : रामचंद्र

कटिहार। माया रूपी मकड़जाल से मुक्त होकर संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 05:11 PM (IST)
संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण : रामचंद्र
संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण : रामचंद्र

कटिहार। माया रूपी मकड़जाल से मुक्त होकर संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण होगा तथा जीवन के उद्देश्यों की पूर्ति होगी। यह बातें बलरामपुर बाजार में आयोजित एक दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम में स्वामी रामचंद्र बाबा ने अपने प्रवचन कही। उन्होंने कहा कि आज लोग अध्यात्म से विमुख हो रहे हैं। यह मानव जीवन के लिए यथोचित नहीं है। लोग सत्संग में आने से कतराते हैं। संतों की संगति से दूर भागते हैं। ऐसे भटके हुए लोगों को परमात्मा कभी नहीं मिल सकते हैं और न ही उन्हें शांति की प्राप्ति हो सकेगी। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि माता पिता का अनादर करने वाले, मांस- मछली को खाद्य पदार्थ समझने वाले, झूठ, चोरी, नशा, हिसा एवं व्यभिचार करने वाले मनुष्य संसार रूपी माया जाल में ही जकड़ कर रह जाएंगे। इस दौरान सत्संग में आए हुए लोगों को रामायण, भगवद गीता सहित विभिन्न वेद पुराणों में वर्णित उपदेश एवं श्लोकों को विस्तारपूर्वक समझाते हुए अध्यात्म की ओर लौटने की शिक्षा दी गई। सत्संग में रामचंद्र बाबा के अलावा कई अन्य संतों ने भी प्रवचन के माध्यम से लोगों को भक्ति एवं जीवन के गुर रहस्यों से अवगत कराया। इस मौके पर सत्संग के आयोजक आशुतोष कुमार शर्मा, सत्संग कमेटी के प्रद्युम्न सिंह, सत्य नारायण चौधरी, राम सुभाष महतो, गुणासिधु दास, राजेंद्र मंडल, मेघराज भगत, हरिओम शर्मा, धीरज सिंह, सच्चिदानंद, मनोज शर्मा सहित कई लोग उपस्थित थे।

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