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Year Ender 2019: कटिहार में सियासी क्रिकेट- JDU का सिक्सर, BJP हिट विकेट, तारिक हुए बोल्ड

Year Ender 2019 बिहार के कटिहार में 2019 का सियासी सफर दिलचस्‍प रहा। वहां लोकसभा चुनाव में बीजेपी जीतकर भी हार गई। तारिक के सितारे भी गर्दिश में रहे। जबकि जेडीयू ने इतिहास बनाया।

By Edited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 02:11 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 11:11 PM (IST)
Year Ender 2019: कटिहार में सियासी क्रिकेट- JDU का सिक्सर, BJP हिट विकेट, तारिक हुए बोल्ड
Year Ender 2019: कटिहार में सियासी क्रिकेट- JDU का सिक्सर, BJP हिट विकेट, तारिक हुए बोल्ड

कटिहार [जेएनएन]। सियासी सफर के लिहाज से वर्ष 2019 कटिहार के लिए एक नया इतिहास बना गया। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लहर के बीच संपन्न लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) ने यहां की सियायत को एक नया किनारा दिया। लोस चुनाव को लेकर यहां एक नया कोण तैयार हुआ। पार्टी के लिहाज से बेशक यहां यह कोण पूर्व से रहा है, लेकिन चुनाव ने उसे धार दे दिया। यहां साल 2019 के सियासी क्रिकेट में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने सिक्सर लगाया तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) हिट विकेट हो गई। उधर, तारिक अनवर (Tariq Anwar) भी बोल्ड हो गए।

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बीजेपी की परंपरागत सीट पर दूसरा कोण रहे तारिक

कटिहार बीजेपी की परंपरागत सीट रही थी। गत तीन दशक की बात करें तो लोकसभा में यहां दो कोण ही थे। एक तरफ पूर्व सांसद व कद्दावर नेता तारिक अनवर रहे तो दूसरी तरह बीजेपी। इसमें पूर्व सांसद निखिल चौधरी (Nikhil Chaudhary) इसलिए भी अहम रहे कि क्योंकि बीजेपी की ओर से तीन-तीन बार तारिक जैसे सियासी खिलाड़ी को मात देने के नायक वही रहे। तारिक अनवर कांग्रेस छोड़ राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हुए, लेकिन कद की छाया उनके साथ रही। वे पुन: कांग्रेस में हैं।

एनडीए में जेडीयू को मिली सीट बड़ा उलटफेर

ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ता ही नहीं पार्टी के समर्थक वोटर भी तब अचानक भौचक्क रह गए थे, जब यह सीट लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खाते में चली गई थी। तब तक सियासी हलकों में भी इसकी कल्पना नहीं थी। यद्यपि जेडीयू नेता अब भी यह दावे से परहेज नहीं कर रहे हैं कि यह सीट उनके खाते में जानी ही जानी थी।

बीजेपी की तरफ से उछले थे ये नाम

चुनाव के 20 दिन पूर्व तक बस चर्चा यही थी कि तारिक के खिलाफ इस बार बीजेपी की ओर से अखाड़े में कौन उतरेगा। इसमें निस्संदेह पहला नाम पूर्व सांसद निखिल कुमार चौधरी का था। तीन जीत का बड़ा आधार उनके साथ था। विधान पार्षद अशोक अग्रवाल जमीनी स्तर पर लगातार पसीना बहाते रहे थे। प्राणपुर के विधायक सह बिहार सरकार के मंत्री बिनोद कुमार सिंह पर दाव आजमाने की चर्चा भी आम थी। सचेतक सह सदर विधायक तारकिशोर प्रसाद को भी इसका मजबूत दावेदार माना जा रहा था। निवर्तमान जिलाध्यक्ष मनोज राय भी इन दावेदारों में शामिल थे।

जेडीयू ने दुलालचंद पर खेला दांव, मिली जीत

इन तमाम अटकलों के बीच जेडीयू के खाते में सीट जाते ही सुगबुगाहट तेज हो गई। तारिक समर्थक बीजेपी की नाराजगी का लाभ मिलने की उम्मीद करने लगे। इधर जेडीयू की ओर से दावेदारों के नाम उछलने लगे। पूर्व मंत्री दुलालचंद गोस्वामी के साथ मेयर विजय सिंह व जेडीयू जिलाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव के नाम तेजी से उछलने लगे। अंतत: पार्टी ने दुलालचंद गोस्वामी पर दांव आजमाया और जीत का सेहरा उनके ही सिर बंधा।

अब विधानसभा चुनाव को ले नयी डगर पर पार्टी

यह जीत जेडीयू के लिए कटिहार के परिप्रेक्ष्य में बड़ी सौगात मानी जाती है। इसमें न केवल बीजेपी जीतकर भी हार चुकी थी, बल्कि तारिक अनवर जैसे कद्दावर नेता पर जेडीयू की यह जीत थी। यह केवल दुलाल के लिए ही नहीं, जेडीयू के लिए भी नया इतिहास बन गया है। विधायक के रूप में जेडीयू को यहां जीत तो मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की इस जीत ने पार्टी को यहां नया फलक दिया है। यद्यपि जेडीयू के लिए इस जीत व जमीनी आधार के मूल्यांकन की चुनौती भी है। फिर भी इतना तय है कि इस जीत से यहां विधानसभा चुनाव को लेकर एक नयी अपेक्षा की डगर पर पार्टी बढ़ चली है।


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