Bihar Lockdown: ऑटो से नाप दी दिल्ली से बिहार की दूरी, घर पहुंच कर बताए वहां के हालात
कोरोना कं कारण बिहार के कटिहार निवासी एक ऑटा चालक ने ऑटो से ही घर आने का फैसला किया। फिर परिवार के साथ तीन तीन दिनों के सफर के बाद घर आ ही गया।
कटिहार, जेएनएन। कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर देश में लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी बिहारियों का बड़े पैमाने पर बिहार आगमन हुआ। कोई पैदल तो कोई अन्य साधनों से यहां पहुंचे। कटिहार के प्रखंड की कदवा पंचायत के नुनगरा निवासी चंदन विश्वास अपनी पत्नी साक्षी विश्वास व तीन बच्चों के साथ दिल्ली से खुद ऑटो चलाकर पहुंच गए।
चंदन डेढ़ दशक से दिल्ली के वजीराबाद में रहते थे। पहले पलंबर का कार्य करते थे। बीते दो वर्षों से खुद की ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। लॉकडाउन के बाद काम बंद होने की वजह से परिवार के भरण-पोषण में कठिनाई होने लगी थी। ऐसे में तीन छोटे-छोटे बच्चों एवं पत्नी के साथ वे गत शुक्रवार को बिहार के लिए निकल पड़े और रविवार की रात्रि घर पहुंच गए।
चंदन की पत्नी साक्षी ने बताया कि दिल्ली की स्थिति काफी खराब है। खासकर बाहर से दिल्ली पहुंचे कामगारों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उद्योग-धंधाें के साथ अन्य रोजगार के साधन बंद होने से खाने-पीने की दिक्कतें हो रही हैं। साथ ही काफी मजदूरों के रहने का ठिकाना नहीं है। इस परिस्थिति में लोगों को अपने घर की याद आ रही है। वहां के मजदूर घर आने को बेचैन हैं। काफी संख्या में प्रवासी मजदूर घरों के लिए पलायन कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली से निकलने के बाद रास्ते मे तीन-चार जगह पर सभी का स्वास्थ्य जांच किया गया। स्वास्थ्य जांच के बाद हाथ में मोहर लगा दी जाती थी। कई जगहों पर रास्ते मे पुलिस वालों ने बच्चों को खाने हेतु बिस्कुट भी दिए।
घर पहुंचने के बाद वे लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं। हालांकि, बाहर से गांव आए लोगों से ग्रामीणों में भय देखा जा रहा है। लोग उससे दूरी बनाकर रह रहे हैं। प्रवासी मजदूर के यहां पहुंचने की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने रास्ते से ही तीनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गागंज ले जाकर आवश्यक जांच कराई। स्वस्थ पाए जाने की दशा में भी उन्हें 14 दिनों तक लोगों से दूरी बनाकर रहने की सलाह दी गई है।