घर पहुंचकर भी भूल नहीं पाए हैं खेतों में गुजारी वे काली रातें..
कटिहार। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने गांव पहुंचने वाले मजदूरों को मानो नई जिदगी मिल गई है।
कटिहार। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने गांव पहुंचने वाले मजदूरों को मानो नई जिदगी मिल गई है। क्वारंटाइन सेंटर में होने वाली थोड़ी बहुत परेशानी का उन्हें कोई मलाल नहीं है, उन्हें बस इस बात की खुशी है कि वे अपने माटी पर आ गए हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में बीताए दिन को याद कर वे अब भी सिहर उठते हैं। वे मानते हैं कि वह सचमुच जिदगी की स्याह रात थी, जिन्हें वे ताउम्र नहीं भूला पाएंगे।
प्रखंड के कन्या मध्य विद्यालय कुम्हरी में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे भर्री पंचायत के देवगांव के मजदूरों ने आप बीती सुनाते हुए कहा कि वे लोग सरसों का फसल काटने राजस्थान के टोंक जिला गए थे। फसल कटाई का कार्य पूर्ण होने के बाद घर आने वाले थे। इसी बीच जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन हो गया। लॉकडाउन में वहां पर लगभग डेढ़ दर्जन मजदूरों को खेत मे हीं रहना पड़ा। कमाई का पैसा खाने पीने में खत्म हो जाने के बाद भोजन के लाले पड़ने लगे। आबादी से दूर खेत मे रहने की वजह से कोई मदद भी नहीं मिल रहा था। बाद में उस क्षेत्र के सरपंच ने अपने स्तर से उनलोगों को राशन मुहैया कराया। बाद में ट्रेन चलने की सूचना पर सरपंच ने उनलोगों के घर आने की व्यवस्था किया। मजदूर अजय कुमार, नितेश शर्मा, हरे राम महतो, सुखलाल हेम्ब्रम, मु. हबीब सहित कई ने बताया कि उन सभी का स्वास्थ्य जांच कर ट्रेन में बिठा दिया गया। साथ ही गर्म एवं ठंढा पानी की बोतल के साथ बिस्किट देकर विदा किया गया। वहीं उक्त लोगों को ट्रेन का टिकट के अलावा कहीं किराया नहीं देना पड़ा। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि निर्धारित समय के बाद ही वे लोग क्वारंटाइन सेंटर से अपने घर जाएंगे। अब वे लोग कभी रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाएंगे।