इफ्तार व सहरी के बीच भरपूर पिएं पानी : डॉ. एसएस अली
कटिहार। लॉकडाउन के बीच सोमवार को रोजेदारों ने अपना तीसरा रोजा पूरा किया। इधर प्रतिक
कटिहार। लॉकडाउन के बीच सोमवार को रोजेदारों ने अपना तीसरा रोजा पूरा किया। इधर प्रतिकूल मौसम के बीच रोजा के दौरान कुछ एहतिहात बरतने की अनिवार्यता भी चिकित्सक बता रहे हैं। शहर के मशहूर चिकित्सक एस एम अली ने कहा कि रोजा रखने के दौरान शरीर में कोलेस्ट्रॉल तथा हानिकारक फैट (एलडीएल) की मात्रा में कमी आती है। इस कारण हमारा हृदय कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रहता है। इस बार रमजान लॉकडाउन के साथ गर्मी में पड़ने की वजह से रोजेदारों के लिए अपनी सेहत का खास ख्याल रखना जरुरी है। इस समय सेहत के प्रति ध्यान नहीं रखने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे कई बीमारियां घेर सकती है। ऐसे में प्रोटीनयुक्त खाना ज्यादा खाने की जरुरत है। नींद की कमी नहीं होनी चाहिए। पूरी नींद लें ताकि कमजोरी न सताए।
उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों में भय का माहौल है। उनकी सलाह है कि इस बीमारी को लेकर तनाव में नहीं लें। बस एहतियात बरतें। इफ्तार और सहरी के बीच भरपूर पानी का सेवन काफी फायदेमंद रहेगा।
मधुमेह के मरीज को नहीं रखना चाहिए रोजा :
डॉ. अली ने कहा कि मधुमेह के मरीज के लिए रोजा रखना खतरनाक है। उन्होंने कहा कि किसी कारण बस अगर ऐसे लोगों को रोजा रखना पड़ रहा है तो उन्हें अपनी सेहत पर विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि वैसे लोग जो नियमित रूप से सुगर को रोकने के लिए दवाई का उपयोग करते है, वे सुबह सहरी के समय इस दवा का प्रयोग नहीं करें। वे इस दवा इफ्तारी के बाद लें। उन्होंने कहा कि वैसे लोग इफ्तारी से लेकर सहरी के समय तक बीच-बीच में हल्का खाना का उपयोग करें।
हल्का एक्सरसाइज जरूर करें :
लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इफ्तार करने के बाद लोगों का खाना पचाने में परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में रोजेदारों को चाहिए कि वे इफ्तारी के बाद हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
गर्मी को लेकर इन बातों का रखें खास ध्यान
- खाने के साथ एक गिलास ठंडा दूध या छाछ पिएं। इससे दिनभर की पानी की कमी की एक हद तक पूर्ति हो जाती है।
- इफ्तार से लेकर सहरी के बीच तक कम से कम आठ से नौ लीटर तक पानी पिएं।
-ऐसा खाना खाएं, जिसे पचने में वक्त लगता हो ताकि अगली सुबह तक आपको भूख न सताएं।
- इफ्तार में पानी, दूध और जूस जैसी चीजों को तरजीह दें। शरीर में पानी की कमी गर्मी में बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
-रमजान के दौरान कैफीनयुक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफी को अवॉइड करना चाहिए।
-गर्मियों में आने वाले फल जैसे तरबूज, नारियल पानी, खरबूज, अनानास और आम खाएं और पीला फल का इस्तेमाल करें।
-इफ्तार में खजूर खाना न भूलें। ये तुरंत ऊर्जा देने वाला फल है और इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।
-शहरी में भी उन खाद्य पदार्थों को तरजीह दें जो दिनभर शरीर को हाइड्रेटेड रखे। तला-भुना कम से कम लें।
सहरी में इनसब चीजों से करें परहेज :
सहरी में अंडा और आटे की रोटी नहीं खाएं। रोजे के समय खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। इस दौरान गैर जरूरी चीजों को खाने से बचना चाहिए। रोजे के दौरान तली हुई चीजों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है। सहरी के समय अंडा, आटे की रोटी या पराठा, ताजे फल आदि खाने से सेहत ठीक रहती है। ध्यान रहे सहरी के समय ज्यादा कॉफी या सोडा नहीं पीना चाहिए। साथ ही सहरी में बिरयानी, कबाब, पिज्जा और फास्ट फूड्स नहीं खाने चाहिए। यह आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।
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गर्भवती महिला और बच्चे की मा रखें खास ख्याल
डॉ. अली ने बताया कि रमजान में गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को रोजा नहीं रखना चाहिए। अप्रैल-मई महीने में 15 घटे से अधिक समय तक रोजेदारों को बिना खानपान के भूखा-प्यासा रहना पड़ रहा है। ऐसे में गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को रोजा रखने से बचने की सलाह दी जाती है। रोजा से गर्भवती महिला को कई तरह के अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। फिर भी जो महिलाएं रोजा रखती हैं, वह अपनी खुराक में कैल्शियम को जरूर शामिल कर लें। रोजा करने से पहले अपने शरीर की स्थिति को देखते हुए अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें और उनकी सलाह मानें।