वफादार दोस्त में जर्मन सेफर्ड और लेबरा बन रहा चहेता
कटिहार। वफादार दोस्त माने जाने वाले कुत्ते को रखना व पालना अब कटिहार के लोगों को भी कुछ
कटिहार। वफादार दोस्त माने जाने वाले कुत्ते को रखना व पालना अब कटिहार के लोगों को भी कुछ ज्यादा ही भाने लगा है। उन्नत नस्ल के कुत्तों की संख्या लगातार यहां बढ़ रही है। सोशल स्टेटस से लेकर पशु प्रेम तक की इस कड़ी में एक से बढ़कर एक नस्ल के कुत्ते यहां पल रहे हैं और घरेलू सदस्य की तरह प्यार भी पा रहे हैं। यहां फिलहाल लोगों को जर्मन सेफर्ड, लेबरा व पावेलियन नस्ल के कुत्ते लोगों को ज्यादा भा रहे हैं।
जानकार सहित कुत्ता पालने के शौकीन लोगों का मनाना है कि इन नस्लों के कुत्ते बहुत कम समय की ट्रेंनिग में बहुत कुछ सीख लेते हैं। साथ ही वफादारी में भी इसका जोड़ नहीं है। खासकर जर्मन सेफर्ड व लेबरा का अपेक्षित भारी-भरकम शरीर व बुलंद आवाज सुरक्षा के लिहाज से भी ज्यादा कारगर है। इसके पालन में भी अन्य नस्लों के कुत्ते से कम खर्च आता है। ये अन्य प्रजाती के कुत्ते से बहुत कम बीमार भी होता है। पशु पालन में कराए गए निबंधन के अनुसार जिले में कुल तीन सौ से अधिक लोग कुत्ते पालते हैं। इसमें अधिकांश के पास जर्मन सेफर्ड एवं लेबरा प्रजाति का कुत्ता है। क्या कहते हैं कुत्ते के शौकीन लोग :
कुत्ते के शौकिन कमलेश कुमार सिंह, नंदन कुमार, राकेश कुमार व अंनत साह ने कहा कि वर्तमान में बढ़ती चोरी सहित अन्य घटना से बचने के लिए कुत्तों का पालन ज्यादा कारगर है। यह आदमी को तनाव से दूर रखने में भी सहायक है। कुत्ता ही एक ऐसा पशु है जो मनुष्य को आने वाली घटना से पहले ही अवगत करा देता है। यह मनुष्य को सबसे वफादार दोस्त के रूप में काम करता है। उन्होंने बताया कि कुत्ते को अपने मालिक की पहचान अन्य पशु की अपेक्षा ज्यादा होती है। साथ ही किसी न किसी रुप में वह अपने मालिक के सुख-दुख को भी परख लेता है। कुत्ते की प्रजाति संख्या
जेर्मन सेफर्ड 85
लेबरा 82
पावेलियन 91
पग 15
राटविलर 01
गाडी 02