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आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर जाकर गर्भवती की गोदभराई की

कटिहार। आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा प्रत्येक माह की तरह घर घर जाकर गर्भवती महिलाओं की

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 11:55 PM (IST)
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर  जाकर गर्भवती की गोदभराई की
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर जाकर गर्भवती की गोदभराई की

कटिहार। आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा प्रत्येक माह की तरह घर घर जाकर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषण, नियमित चिकित्सकीय जांच के साथ ही परिवार नियोजन की भी जानकारी दी गई. बता दें कि प्रतिमाह सात तारीख को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की जाती है और उन्हें गर्भावस्था के दौरान जरूरी सावधानियां और पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के कारण सेविकाएं घर-घर जाकर गोदभराई की रस्म पूरी की और पोषण थाली उपहार स्वरूप भेंट की।

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सीडीपीओ ने किया गोदभराई का निरीक्षण :

इधर आजमनगर प्रखंड की सीडीपीओ पामेला टुडू द्वारा गोदभराई रस्म का निरीक्षण किया गया.। इस दौरान सीडीपीओ पामेला टुडू ने महिलाओं को बताया कि जैसे ही गर्भधारण की पुष्टि हो जाए वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक के संपर्क में रहें तथा नियमित रूप से चेक-अप कराएं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्व की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है.। गर्भवती महिलाओं को हमेशा ताजे फल, दूध, अंडा, पोष्टिक सब्जियों के सेवन की भी जानकारी दी गई.।

स्तनपान की महत्ता से भी कराया गया अवगत :

गोदभराई के दौरान महिलाओं को होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरुरी सावधानियों की भी जानकारी दी गई। सीडीपीओ पामेला टुडू ने कहा कि प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि शून्य से छह माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और छह से आठ माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए। छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है। नौ से 24 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ तीन बार अर्ध ठोस पौष्टिक आहार देना चाहिए। बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आहार की विविधता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके अलावा गोदभराई रश्म के दौरान महिलाओं को परिवार नियोजन सम्बंधित जानकारी जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम व पौष्टिक आहार इत्यादि की जानकारी दी गई.।

कोरोना से बचाव पर भी हुई चर्चा :

गोदभराई के दौरान सेविकाओं द्वारा सभी लोगों को कोरोना से बचाव की भी जानकारी दी गई.। सीडीपीओ ने बताया कि सभी लोगों को कोविड-19 नियमों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। सरकार द्वारा जारी निर्देश सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ही है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बेबी रानी ने भी आंगनबाड़ी सेविकाओं को कोविड नियमों का पालन करने और अपने क्षेत्र के लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया।


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