कहने को बारसोई का रेफरल अस्पताल, जीएनएम के भरोसा हो रहा प्रसव
कटिहार। बस कहने को बारसोई में रेफरल सह अनुमंडलीय अस्पताल है किंतु यहां की सेवा एक
कटिहार। बस कहने को बारसोई में रेफरल सह अनुमंडलीय अस्पताल है, किंतु यहां की सेवा एक पीएचसी से अधिक नहीं है। इसके चलते गंभीर मरीज को यहां से तत्काल रेफर कर दिया जाता है। वजह स्पष्ट है कि यहां पर ऐसे मरीजों का उपचार संभव ही नहीं है। और तो और औसतन हर दिन यहां एक दर्जन महिलाओं का प्रसव होता है, लेकिन यह प्रसव भी जीएनएम के भरोसे ही होता है। 14 स्वीकृत पद के बदले यहां आठ चिकित्सक कार्यरत तो हैं, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव के कारण बस सामान्य व मौसमी बीमारी के उपचार तक इस अस्पताल की भूमिका रह गई है।
महिला चिकित्सक नहीं :
यहां लगभग दो दशक से महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में यहां सिर्फ सर्दी, बुखार, सिर व दर्द बदन दर्द जैसी सामान्य बीमारी का ही उपचार होता है। सड़क हादसे में आंशिक रुप से जख्मी का ही यहां इलाज संभव हो पाता है। गंभीर स्थिति वाले मरीज का बस प्राथमिक उपचार होता है और फिर उसे रेफर कर दिया जाता है। डिलीवरी वार्ड में कुछ सुविधाएं जच्चा बच्चा के लिए सरकार की ओर से दी गई है, परंतु योग्य चिकित्सक के अभाव में उन उपकरणों का ठीक से उपयोग नहीं होता है।
आउटडोर में औसतन पहुंचते हुए 200 मरीज :
अनुमंडलीय अस्पताल में प्रत्येक दिन औसतन दो सौ मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं। कोरोना काल के चलते मरीजों की संख्या में कुछ कमी आई है। प्रखंड की लगभग साढ़े पांच लाख की आबादी सीधे तौर पर इस पर निर्भर है। उस हिसाब से यहां चिकित्सकों और कर्मियों की काफी कमी है, जो चिकित्सक है भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए अपनी ड्यूटी करते हैं और निजी क्लीनिक में लोगों के इलाज में व्यस्त हो जाते हैं। गंभीर मरीज आने पर उन्हें बुलाया जाता है।
चिकित्सक की कमी
चिकित्सक और एएनएम की भी है कमी यहां कुल आठ चिकित्सक हैं। इसमें से एक दंत रोग विशेषज्ञ है तथा एक एमबीबीएस महिला चिकित्सक भी है जो पूर्णिया से आती है। यहां क्वार्टर में मात्र तीन चिकित्सक रहते हैं। इसमें पीएचसी सह रेफरल प्रभारी डा. एमएम उस्मानी भी शामिल हैं। वहीं आठ चिकित्सक रहने के बावजूद एक समय में मात्र एक या कभी-कभी दो चिकित्सक ही अस्पताल में उपलब्ध रहते हैं। वहीं आठ उच्चस्तरीय नर्स (जीएनएम) है जो कि अस्पताल में रहती है और इन्हीं के देख रेख में प्रसव प्रक्रिया कराई जाती है।
क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उस्मानी ने कहा कि अस्पताल में जो संसाधन मौजूद है। उसके सहारे यहां पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। साफ-सफाई से लेकर मरीजों के भोजन की भी सतत निगरानी की जा रही है।
क्या कहते हैं विधायक
विधायक महबूब आलम ने कहा कि वे लगातार बिहार सरकार से बारसोई में महिला चिकित्सक के साथ आवश्यक संख्या में चिकित्सक देने की मांग करते रहे हैं। चिकित्सक की कमी बताकर इसमें विलंब किया जाता रहा है। वे पुन: मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर इस दिशा में पहल करेंगे। यहां महिला सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना जल्द से जल्द हो, यह उनकी कोशिश रहेगी।