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1987 की बाढ़ में ध्वस्त पुल का अब तक नहीं हो पाया है निर्माण

कटिहार। सन 1987 की बाढ़ में प्राणपुर से आजमनगर व डंडखोरा जाने वाली पथ पर ध्वस्त धरहन पंच

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 10:05 PM (IST)
1987 की बाढ़ में ध्वस्त पुल का 
अब तक नहीं हो पाया है निर्माण
1987 की बाढ़ में ध्वस्त पुल का अब तक नहीं हो पाया है निर्माण

कटिहार। सन 1987 की बाढ़ में प्राणपुर से आजमनगर व डंडखोरा जाने वाली पथ पर ध्वस्त धरहन पंचायत में राजपुतिया पुल का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है। राजपुतिया धार पर मौजूद काठ पुल कभी इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान था, लेकिन पुल ध्वस्त होने के बाद आज तक इसकी सुधि ही नहीं ली गई। ग्रामीणों द्वारा कई बार इसको लेकर आवाज उठाई गई, लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हुई। इस धार पर पुल निर्माण नहीं होने का दंश लगभग 50 हजार की आबादी झेल रही है। वर्ष 1987 की बाढ़ में यह पुल ध्वस्त इस पुल का आंशिक भाग भी सन 2017की बाढ़ में बह गया। पूर्व में लोग इस पर चचरी पुल बना आवागमन करते थे, लेकिन अब ऐसा करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। हर चुनाव के दौरान यह मुद्दा जोरदार ढंग से उठता है, लेकिन चुनाव के बाद फिर यह मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। फिलहाल यहां लोग नाव के सहारे आवागमन करते हैं। क्षेत्र निवासी किशोर कुमार मंडल, सैयद इम्तियाज अली, सच्चिदानंद मंडल, मधुकर कुमार, शशिकांत झा, हरिशंकर मंडल, रमन सिंह व मु. रफीक ने कहा कि पुल क्षतिग्रस्त रहने के कारण बड़ी आबादी वर्षों से आगमन की समस्या झेल रही है। वे लोग हर दर पर दस्तक देकर थक चुके हैं। विभागीय अधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इसको लेकर उदासीन बने हुए हैं।

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