जलकर में जहर डाल मार लिया मछली
कटिहार। फलका थाना क्षेत्र के मोरसंडा पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीपुर लोहजर व निसुन्दरा पुल के समीप
कटिहार। फलका थाना क्षेत्र के मोरसंडा पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीपुर लोहजर व निसुन्दरा पुल के समीप एक बार फिर अज्ञात लोगों ने बरंडी नदी के जलकर में जहर गिरा कर मछली मार लिया। जहर के कारण दूषित जल से क्षेत्र के पशुपालकों की परेशानी भी बढ़ गई है। पशुपालकों का मानना है कि दूषित पानी पीने से मवेशी को नुकसान हो सकता है। जहर के प्रकोप से छोटे आकार के मछली कई प्रकार के जीव जंतु के मरने के कारण पानी पूरी तरह दूषित हो गया है। इससे छोटे छोटे मछुआरे जिनकी रोजी-रोटी मछली मार कर बेचने पर ही चलती थी, उनके सामने भी रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय मुखिया गोपाल कृष्ण व सालेहपुर मुखिया अब्दुल माजिद ने कहा कि जहर गिराकर मछली मार लेने से भले ही कुछ लोगों को मोटी आमदनी हो जाती है, लेकिन पशुपालकों व मछुआरों के लिए यह परेशानी का सबब बन गया है। इससे पूर्व भी कई बार बरंडी नदी में जहर देकर मछली मारने की घटना घटी है। ग्रामीणों की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन व मत्स्य विभाग द्वारा जांच भी की गई थी। इसके बावजूद इस वर्ष भी बरंडी नदी के जल कर में जहर गिराया गया। भारी मात्रा में मछली मार कर मंडियों और स्थानीय बाजार में खपाया जा रहा है। इससे आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है।अब क्षेत्र में देसी मछली की न केवल किल्लत खलेगी बल्कि महंगी भी हो जाएगी। क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि:
मोरसंडा मुखिया गोपाल कृष्ण ने बताया कि दो-तीन वर्ष पूर्व मामले में विभाग और जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया था। प्रशासन की तत्परता के कारण नदी में जहर डालने पर रोक लग गई थी। पुन: मछली माफिया द्वारा जलकर लगाकर जहर डाल कर मछली मार लिया गया है। यह गंभीर मामला है। क्या कहते हैं चिकित्सक:
फलका के चिकित्सा पदाधिकारी डा. विनय कुमार ने कहा कि जहर वाली मछली मानव शरीर पर प्रतिकूल असर डाल सकती है। इससे जान भी जा सकती है। ऐसे में जहर का इस्तेमाल वाली मछली खाने से बचना चाहिए।