रेल यात्रियों का सहारा बना ट्विटर, जूता चोरी की भी दर्ज हो रही प्राथमिकी
सोशल मीडिया रेल यात्रियों के लिए सहारा बन चुका है। यात्रा के दौरान किसी तरह की परेशानी होने पर वे तत्काल ट्वीटर के माध्यम से इसकी शिकायत करते हैं और उस पर कार्रवाई भी होती है।
कटिहार [प्रकाश वत्स]। रेल यात्रियों के लिए ट्विटर अब बड़ा सहारा बनता जा रहा है। यात्रा के दौरान होने वाली परेशानी से लेकर कोई अप्रिय घटना तक की स्थिति में अब यात्री बिना समय गंवाए रेलवे बोर्ड के ट्विटर पर अपनी शिकायत दर्ज करा देते हैं। इसकी रफ्तार अब शनै: शनै: तेज होने लगी है। इससे रेल अधिकारियों व पुलिस की हीला हवाली पर भी काफी हद तक ब्रेक लगा है। अब यात्री जूता चोरी तक की शिकायत ट्वीट कर रहे हैं और इसकी प्राथमिकी तक दर्ज हो रही है।
डिब्रूगढ़-अमृतसर एक्सप्रेस के एक यात्री की जूता चोरी की शिकायत पर जीआरपी कटिहार में इस संदर्भ का मामला दर्ज किया गया है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस परिक्षेत्र में हर माह ट्विटर पर भेजी जा रही शिकायत के आलोक औसतन छह से सात मामले दर्ज हो रहे हैं। गत छह माह से यह रफ्तार काफी तेज हुई है।
आरपीएफ के अधिकारी भी मानते हैं कि अब लोग रेल पुलिस को सूचना देने से पहले अपनी शिकायत ट्वीट कर रहे हैं। इसमें एक फायदा यह भी होता है कि संबंधित यात्री को उनकी शिकायत पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी भी मिलती रहती है। इसी तरह रेलवे हेल्प लाइन 182 पर भी अब शिकायत की रफ्तार तेज हुई है। लोग इसका इस्तेमाल भी अपनी शिकायत दर्ज कराने को कर रहे हैं।
अब भी ज्यादातर चोरी की दर्ज होती है शिकायत
ट्विटर के माध्यम अब भी ज्यादातर चोरी की ही शिकायत दर्ज हो रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस परिक्षेत्र के मालदा एवं जोगबनी रुट में ऐसे गिरोह की ज्यादा सक्रियता रहती है। यद्यपि लगातार अभियान से इन गिरोहों पर बहुत हद तक नकेल कसा जा सका है।
हेल्प लाइन पर मांगी गई थी दूध, आरपीएफ ने कराया था मुहैया
महज एक माह पूर्व गुवाहाटी से दिल्ली जा रही एक ट्रेन पर यात्री कर रही एक महिला को अपने बच्चे के लिए दूध की जरुरत थी। उसने हेल्प लाइन पर अपनी परेशानी दर्ज कराई। आरपीएफ द्वारा तत्काल उस पर संज्ञान लेकर कटिहार स्टेशन पर बच्चे के लिए दूध मुहैया कराया गया था।
ट्विटर के साथ रेलवे हेल्प लाइन पर दर्ज होने वाली शिकायत अथवा परेशानी पर त्वरित एक्शन लिया जाता है। ट्विटर के माध्यम हर माह औसतन छह से सात प्राथमिकी दर्ज होती है। साथ ही इस पर त्वरित कार्रवाई भी होती है। हेल्प लाइन पर यात्री यदा-कदा बच्चे के लिए दूध तक की डिमांड करते हैं और ऐसे यात्रियों को भी तत्काल मदद पहुंचाई जाती है।
जे. पी मौर्य, इंस्पेक्टर, आरपीएफ।