एक बेंच पर बैठे थे तीन-तीन बच्चे, सैनिटाइजर भी था नदारद
कटिहार। कोरोना काल के कारण नौ माह बाद चार जनवरी से खुले उच्च शिक्षण संस्थानों में सरक
कटिहार। कोरोना काल के कारण नौ माह बाद चार जनवरी से खुले उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकारी गाइड लाइन की खुली धज्जियां उड़ रही है। स्कूलों में न तो शारीरिक दूरी का पालन हो रहा है न ही सैनिटाइजर की व्यवस्था रहती है। इतना ही नहीं शिक्षक भी बगैर मास्क ही क्लास लेते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार की दोपहर 12.30 बजे फलका प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मोरसंडा में था। नौंवी कक्षा में वर्ग शिक्षक निकेश साह बगैर मास्क का क्लास ले रहे थे और एक बेंच पर तीन-तीन छात्र-छात्राएं बैठी हुई थी। यद्यपि अधिकांश छात्र-छात्राएं मास्क लगा रखा था। बच्चों ने बताया कि सैनिटाइज उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। प्राचार्य की कुर्सी पर बैठे सहायक शिक्षक राधे श्याम साह भी बगैर मास्क ही थे। पूछने पर बताया कि विभाग से सैनिटाइजर नहीं मिला है। उन्होंने प्राचार्य के बारे में बताया स्कूल से काफी दूर मध्य विद्यालय मोरसंडा के प्रभारी प्राचार्य रहीना खातून ही यहां के प्रभार में भी है। समय 12:30 बजे कक्षा 10 में भी छात्र मास्क लगाए हुए मिले लेकिन बैठने में शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा था। पढ़ा रहे शिक्षक दिलीप कुमार भी बगैर मास्क के थे। यहां कक्षा नौ में 115 नामांकित बच्चों में 24 उपस्थित थे, जबकि वर्ग दशम में नामांकित 162 में मात्र 11 छात्र उपस्थित थे। उच्च शिक्षण संस्था खुलने के कुछ दिन बाद ही मुंगेर जिले में एक साथ दर्जनों बच्चों और कई शिक्षक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की घटना को लेकर भी यहां कोई खास सतर्कता नहीं दिखी। यहां मध्य विद्यालय के प्राचार्य रहीना खातून ही प्रभारी प्राचार्य रहने के कारण वे यदा कदा ही स्कूल आती है। यहां सहायक शिक्षक प्रीतम कुमार नहीं थे, पूछने पर बताया गया कि वे छुट्टी में हैं। एक अन्य सहायक शिक्षक मतिउर्रहमान मौजूद थे, वे भी मास्क नहीं लगाए थे। स्कूल परिसर यानि कक्षा के सामने बरामदा पर ही गुरूजी बाइक लगा था। क्या कहती हैं विद्यालय की छात्राएं छात्रा सुहानी परवीन, खुशबू कुमारी, बीबी उम्मेहानी, शाहीन परवीन, सानिया कुमारी, समीक्षा शाण्डिल्य आदि ने बताया कि स्कूल में सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं है। मास्क मिला है, लेकिन बैठने में छह फीट की दूरी का पालन नहीं कराया जा रहा है। इस कारण कोरोना संक्रमण का भय बना रहता है।