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सेमापुर में 96 घंटे से कटी है बिजली

संवाद सूत्र सेमापुर (कटिहार) सेमापुर में बिजली की लचर व्यवस्था से ग्रामीण परेशान हैं। उ

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 07:37 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 07:37 PM (IST)
सेमापुर में 96 घंटे से कटी है बिजली

संवाद सूत्र, सेमापुर (कटिहार): सेमापुर में बिजली की लचर व्यवस्था से ग्रामीण परेशान हैं। उमस भड़ी गर्मी में बिजली नहीं रहने से लोगों की रात की नींद उड़ सी गयी है। 14 मिनट की आंधी बरसात में यहां 96 घंटे से बिजली कटी है। पिछले चार दिनों से पूरी तरह बिजली कटे रहने से लोग परेशान हैं। बिजली नहीं रहने से घर के पानी की टंकी सूख गयी है। लोगों के सामने पानी की सबसे बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। घरों में चापाकल खराब है तो इन्वर्टर भी जवाब दे दिया है। घरों में चार दिनों से अंधेरा छाया हुआ है। अब तो जनवितरण प्रणाली से किरासन तेल भी नहीं मिल रहा है। महिलाएं घरों में टार्च, मोबाइल जलाकर खाना बनाती हैं। बिजली की लचर व्यवस्था नींद में खलल डाल रही हैं। जिसके कारण बिजली विभाग पर उपभोक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सेमापुर में बिजली नहीं रहने की वजह बारिश व तूफान का हवाला पिछले चार दिनों से दिया जा रहा है।

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क्या कहते हैं बिजली उपभोक्ता

बिजली उपभोक्ता शोले जायसवाल का कहना है कि हल्की आंधी आने पर रात रात भर बिजली गुल रहती है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि बिजली बिल देने में देरी होती है तो विभाग द्वारा कनेक्शन काट दिया जाता है पर जब बिजली खराब होती है तो विभाग द्वारा इसे जल्द ठीक नहीं कराया जाता है। वही पूर्व सिक्कट मुखिया तनवीर आलम ने कहा कि विभाग की अनदेखी के कारण उपभोक्ताओं को गर्मी में परेशान होना पड़ता है। अनुज अग्रवाल ने कहा कि बिजली नहीं रहने से गर्मी में परेशानी बढ़ जाती है। दिन भर काम करने के बाद रात में लोग चैन से सोना चाहते हैं। लेकिन बिजली नहीं रहने से थकान के बावजूद गर्मी में नींद नहीं आ पाती है । वही बमबम यादव व दीपक यादव ने बताया कि दिनभर मजदूरी व नौकरी के बाद थकान से रात में बिजली की आंख मिचौनी के कारण सो नहीं पा रहे हैं। वही प्रेमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि कभी तार टूटना तो कभी ओवर लोड बताकर बिजली काट लेना आम बात है। इस संबंध में विभाग के जेई राजीव कुमार ने बताया कि मनसाही तक 33 हजार ठीक रहता है। लेकिन उसके आगे बार बार तार टूटती है। वही आंधी तूफान व ठनका के कारण पोल तार के साथ इंसूलेटर ब्लास्ट हो जाता है। जिससे विभाग की परेशानी बढ़ जाती है।


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