मक्का की बाली पर कीटों का प्रकोप, किसानों में हताशा
कटिहार। फलका प्रखंड क्षेत्र में मक्का किसानों के सामने नई आफत आ गई है। बाली व तना छेदक
कटिहार। फलका प्रखंड क्षेत्र में मक्का किसानों के सामने नई आफत आ गई है। बाली व तना छेदक तथा फॉल आर्मी वर्म अब मक्का की फसल को बर्बाद करना शुरु कर दिया है। किसानों का कहना है कि यह कीट काफी खतरनाक है। सर्वप्रथम कीड़ा ऊपर से भुट्टे के अंदर प्रवेश करता है और फिर धीरे-धीरे मक्का के दाने को खाना प्रारंभ कर देता है। कृषक मु. इकराम, मु. आसिफ, इकबाल नसीमुद्दीन, प्रदीप प्रभा, बुद्धेव मंडल, मनोज गुप्ता का कहना था कि पहले यह कीड़ा भुट्टे के ऊपर आकर बैठ जाता है। फिर भुट्टे का मोचा गिराकर अंदर की ओर प्रवेश कर जाता है। अगर ऊपर से भुट्टे के अंदर जाने का रास्ता नहीं मिलता है तो अंदर के सुराग करके दाने को खाना शुरू कर देता है। किसान मोहम्मद इकराम ने कहा कि उन लोगों ने पाउडर व जहरीली कीटनाशक औषधि का भी प्रयोग किया, मगर इस पर पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। वहीं एक अन्य किसान ने बताया कि जो मक्का अभी पूरी तरह टाइट नहीं हुआ है और दुद्दा अवस्था में है वैसे मक्का के भुट्टे पर कीड़ों का ज्यादा प्रहार हो रहा है। मक्का फसल इतना बड़ा हो गया है कि इसमें सही ढंग से कीटनाशक का उपयोग करना भी मुश्किल है। फसल घना होने के कारण मजदूर भी कीटनाशक के छिड़काव से परहेज करते हैं। प्रदीप प्रभा ने कहा कि वे लोग मध्यम वर्ग के किसान हैं। उसने बैंक से कर्ज लेकर मक्का फसल लगाया था। मगर अब इस कीड़े के प्रकोप से नुकसान होने की संभावना प्रबल हो चुकी है। ऐसे में कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है। किसान बुद्धदेव मंडल ने कहा कि गत वर्ष
लॉकडाउन लगने के कारण मक्का का भाव इतना कम था कि लागत पूंजी भी उपर नहीं हो पाया। इसके अलावा लगातार बारिश और बाढ़ की विनाशलीला ने भी मक्का की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। इस वर्ष भी मक्का फसल का मूल्य बेहतर नहीं है। अभी वर्तमान में 1200 से 1300 रुपये क्विंटल इसकी कीमत है। इस स्थिति में कीड़ों का प्रकोप नीम पर करेला वाली बात हो रही है। 'फल व तना छेदक के साथ फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप बढ़ा है। इससे बचाव के लिए क्रिफेन पाउडर या फेरवेल पाउडर चुटकी से मक्का की बाली में सुबह में देने से लाभ होगा।
जय कुमार ज्योति, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी