ससुर, दामाद के बीच सिर फुटव्वल रोकने के लिए हो रहा मान-मनौव्वल
कटिहार। पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने को लेकर नाते रिश्तेदारों के बीच चुनावी जंग की रणनीति तैयार होने लगी है। कहीं भाई भाई तो कहीं ससुर दामाद चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। भले ही ससुर व दामाद अलग अलग पद के लिए पंचायत चुनाव लड़ने का मूड बना रहे हैं लेकिन इसका नतीजा जिला परिषद के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए कमर कस चुके दामाद पर होना भी तय माना जा रहा है।
कटिहार। पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने को लेकर नाते रिश्तेदारों के बीच चुनावी जंग की रणनीति तैयार होने लगी है। कहीं भाई भाई तो कहीं ससुर दामाद चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। भले ही ससुर व दामाद अलग अलग पद के लिए पंचायत चुनाव लड़ने का मूड बना रहे हैं, लेकिन इसका नतीजा जिला परिषद के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए कमर कस चुके दामाद पर होना भी तय माना जा रहा है। हो भी क्यों नहीं, दामाद जहां जिला परिषद के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं ससुर अपने पंचायत में पंचायत समिति सदस्य के लिए चुनाव लड़ने को बेताब हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि जिप सदस्य के लिए ताल ठोंक रहे दामाद के चाचा ससुर वर्तमान में पंचायत समिति सदस्य हैं। एक ही परिवार से पंचायत समिति के दो दावेदार होने से जिला परिषद के लिए मन बना रहे दामाद की चिता बढ़ने लगी है। ससुर का पक्ष लेने पर विरोधी खेमे द्वारा जिप सदस्य चुनाव में समर्थन नहीं देने का डर सता रहा है। वहीं चाचा ससुर के समर्थन में आए तो पत्नी सहित ससुर, साला सहित अन्य ससुरालियों के कोपभाजन बनने की आशंका भी है। ऐसे में चुनावी वैतरणी पार करने में अपने रिश्तेदार के चक्रव्यूह को तोड़ना भी इतना सहज नहीं होगा। एक ही परिवार में पंचायत समिति समिति सदस्य के लिए दो तथा दामाद द्वारा जिला परिषाद के लिए ताल ठोंकने से सिर फुटव्वल की नौबत भी आन पड़ी है। आजमनगर प्रखंड के एक पंचायत में चुनावी बिसात दिलचस्प बनता जा रहा है। हलांकि यहां नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में अभी देर है। इस बीच सिर फटव्वल की नौबत टालने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से मान मनौब्बल का दौर भी शुरू हो गया है। चुनाव मैदान से हटने को ससुर व दामाद तैयार नहीं हो रहे हैं। अलबत्ता नामांकन के पहले ही आपस में उलझन व घर में खटपट की नौबत आ गई है।