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जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा रोकने को अब रजिस्ट्री ऑफिस से जुड़ेंगे अंचल कार्यालय

जिले में जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए अब अंचल कार्यालयों को रजिस्ट्री ऑफिस से टैग किया जाएगा। जिले में अब इसके लिए अंचल कार्यालयों को रजिस्ट्री आफिस से टैग करने का काम जल्द ही होने वाला है। फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए पूर्व में ही संपत्ति की निबंधन व दाखिल खारिज की प्रक्रिया को हाइटेक कर दिया गया है। अब रजिस्ट्री आफिस को अंचल कार्यालयों से ऑनलाइन टैग कर दिया जाएगा। इससे लोगों को दाखिल खारिज कराने में सहूलियत होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 12:11 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 06:34 AM (IST)
जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा रोकने को अब रजिस्ट्री ऑफिस से जुड़ेंगे अंचल कार्यालय
जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा रोकने को अब रजिस्ट्री ऑफिस से जुड़ेंगे अंचल कार्यालय

जिले में जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए अब अंचल कार्यालयों को रजिस्ट्री ऑफिस से टैग किया जाएगा। जिले में अब इसके लिए अंचल कार्यालयों को रजिस्ट्री आफिस से टैग करने का काम जल्द ही होने वाला है। फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए पूर्व में ही संपत्ति की निबंधन व दाखिल खारिज की प्रक्रिया को हाइटेक कर दिया गया है। अब रजिस्ट्री आफिस को अंचल कार्यालयों से ऑनलाइन टैग कर दिया जाएगा। इससे लोगों को दाखिल खारिज कराने में सहूलियत होगी।

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पहले हर माह निबंधन कार्यालय के दस्तावेजों को संबंधित अंचल कार्यालय भेजना होता था। इसके बाद दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू होती थी। लेकिन अब रजिस्ट्रेशन के साथ ही संबंधित अंचल कार्यालय को सूचना हो जाएगा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जमीन की रजिस्ट्री कराते समय ही लोगों को अलग से एक फार्मेंट भरना होगा। जिसमें जमीन का पूरा ब्योरा देना होगा। इसमें जमीन का रकबा, दाखिल खारिज कब हुआ, जमीन खतियानी है या खरीद जैसी सूचनाएं, खरीदने और बेचने वाले दोनों को रजिस्ट्री के पहले देनी होगी। रजिस्ट्ररी के समय दाखिल खारिज करने की सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। रजिस्ट्री आफिस से जमाबंदी के लिए सीडी अंचल कार्यालय को भेज दी जाएगी। अंचल में पता चल जाएगा कि कौन सी भूमि किसके नाम से है। भू-स्वामी कहीं भी करा सकता हैं शिकायत

खतियानी जमीन में सबसे अधिक विवाद है। ऐसे कई मामले अभी तक कोर्ट में चल रहे है। साफ्टवेयर के आ जाने से जमीन के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। फर्जी तरीके से बची जाने वाली भूमि का पता चल जाएगा। यहीं नहीं जमीन की रजिस्ट्री कराते है तो मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। भू-स्वामी को पता चल जाएगा कि उसकी जमीन की बिक्री हो चुकी है। यदि गलत तरीके से कोई बिक्री करने का प्रयास करेगा तो ऐसे में भू स्वामी अंचल कार्यालय से लेकर जिला में कहीं भी शिकायत दर्ज करा सकता है। ऐसी जमीन की जमाबंदी भी रद्द कर दी जाएगी। सीओ ने बताया कि जमीन से जुड़े सैकड़ों से अधिक मामले न्यायालय में लंबित है। इनमें से सबसे अधिक मामले खरीदी गई जमीन को लेकर ही है। इसके अलावा कुछ मामले ऐसे भी है जिन में खरीदी गई जमीन पर दूसरों ने दावेदारी कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर विधवा की जमीन खरीदने के लिए एसडीएम या उस रैंक के अधिकारी से एनओसी लेने के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री होगी। उस आवेदन में विधवा को बताना भी होगा कि वो किस कारण जमीन बेच रही है। क्या कहते हैं पदाधिकारी- एक सॉफ्टवेयर विभाग की ओर संचालित किया जा रहा है। उसके माध्यम से रजिस्ट्री आफिस को अंचल कार्यालय से जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी विभाग की ओर से ही काम चल रहा है। जल्द ही जिले के सभी अंचल कार्यालय रजिस्ट्री आफिस से जुड़ जाएंगे। इससे जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े से मुक्ति मिलेगी।

-अजय कुमार, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी


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