कार्यों की समीक्षा करने के लिए जल्द आएंगे वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि
जीविका परियोजना में स्वयं सहायता समूहों और उनके ग्राम संगठनों के द्वारा आजीविका संवर्धन के साथ साथ ही समुदाय में स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता पर जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
जीविका परियोजना में स्वयं सहायता समूहों और उनके ग्राम संगठनों के द्वारा आजीविका संवर्धन के साथ साथ ही समुदाय में स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता पर जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों को मजबूती देने के लिए ग्राम संगठन पर दो दिवसीय पारिवारिक आहार विविधता अभियान आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान को सफल बनाने की हर जिम्मेदारी ग्राम संगठन की होगी। कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाएं, गर्भवती एवं धातृ महिलाएं और जिनके छह से 23 माह के बच्चे हैं वो शामिल होंगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुपोषण को दूर करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को कुपोषण से बचाव की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम में मातृ पोषण व पूरक आहार में बारे में भी जानकारी दी जा रही है। जिसमें बताया जा रहा है कि कौन सी चीजें खाने पर कौन कौन से विटामिन मिलेंगे। इसके लिए कौन कौन से चीजें कब खानी चाहिए इस संबंध में जानकारी देते हुए जीविका जिला परियोजना पदाधिकारी सुभाष कुमार पांडेय ने बताया फिलहाल यह कार्यक्रम चार प्रखंड में हो रहा है। जिसमें भभुआ, भगवानपुर, चैनपुर व मोहनियां प्रखंड शामिल है। यह कार्यक्रम जून माह तक चलेगा। उन्होंने बताया कि जीविका परियोजना के अंतर्गत चलने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए आगामी जून माह में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि आकर समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि 2016 में भी वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि आए थे। जहां पर 20 प्रतिशत ओडीएफ में भागीदारी हुई थी। वहीं कार्यक्रमों की समीक्षा के बाद वे रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके अलावा वे क्षेत्र में जाकर जानकारी लेंगे कि संगठन द्वारा क्या क्या पिछले तीन सालों में प्रगति हुई है।