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सुरक्षित रहने के लिए वाहनों की गति पर काबू जरूरी

जिले के लोगों को सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पदाधिकारियों के द्वारा कई आवश्यक जानकारी दी गई थी। इसी दौरान सड़क पर नियम को नहीं मानने वालों को फूल देकर कहा गया था की वे नियम का पालन करें। लेकिन उसके बाद से नगर व जिले की सड़कों पर लोग द्वारा नियम की धज्जियां उड़ा रहें हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:57 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 08:57 PM (IST)
सुरक्षित रहने के लिए वाहनों की गति पर काबू जरूरी
सुरक्षित रहने के लिए वाहनों की गति पर काबू जरूरी

जिले के लोगों को सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पदाधिकारियों के द्वारा कई आवश्यक जानकारी दी गई थी। इसी दौरान सड़क पर नियम को नहीं मानने वालों को फूल देकर कहा गया था की वे नियम का पालन करें। लेकिन उसके बाद से नगर व जिले की सड़कों पर लोग द्वारा नियम की धज्जियां उड़ा रहें हैं। इसीलिए तो नगर के भीड़ वाले इलाके में भी वाहन की गति पर रोक नहीं लगती। यम से बचाए नियम के आधार पर देखा जाए तो अगर वाहन चालकों द्वारा नियम का पालन कर सड़कों पर चला जाए तो सड़क दुर्घटना नहीं होगी। एनएच दो पर या जिला के अन्य सड़कों पर देखने को मिलता है की वाहनों की गति पर काबू नहीं है तथा इसके अलावा नियम का कोई पालन नहीं होता।

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इन नियमों का होना चाहिए पालन:

सड़क पर वाहन लेकर चलने के दौरान विभाग द्वारा कुछ नियम बनाए गए हैं। जिसका पालन कर दुर्घटना से बचा जा सकता है। कोहरे के मौसम में वाहन की गति धीमी होनी चाहिए। कोहरे में अपर डीपर दोनों का प्रयोग करते हुए चलें। साथ ही दो पहिया वाहन चलाने के समय हेलमेट लगाकर चलाएं। इसके अलावा चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करें। वाहन चलाते समय ओवरटेक करने से बचें। साथ ही रात के दौरान गति पर काबू रखें। वाहन की गति 40 से 50 के अंदर होनी चाहिए। वाहनों की गति तेज होने से ईधन की बचत होती है। यह लोगों की भूल है। समय की बचत करने के चक्कर में ¨जदगी को दाव पर लगाना गलत बात है। मंजिल तो मिल ही जाएगी पर ¨जदगी नहीं। सर्दी शुरू होते ही सड़कों पर कोहरे का धूंध रहती है। इस दौरान हादसा होने की संभावना और बढ़ जाती है। जिला के एनएच दो के बाद कही और जेब्रा क्रा¨सग नहीं है।

बच्चों पर अधिक दें ध्यान:

एक शोध के अनुसार छह साल से 14 वर्ष तक के बच्चे अकेले सड़क पार करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं। बच्चे सड़क पार करते समय वाहन चालक पर अपनी सुरक्षा के लिए निर्भर होते हैं। वहीं वाहन चालक बच्चों की मानसिकता को नहीं समझ पाते। वहीं वाहन के करीब आते देखकर बच्चे घबरा जाते है। ऐसे में हादसा की आशंका होती है। इसलिए मां बाप को चाहिए की बच्चों का हाथ पकड़कर सड़क पार कराएं।

वाहन चालक भी रहे सावधान:

वाहन चलाते समय चालक को भी सावधान रहना चाहिए। वाहन चलाते समय सिगनल का ख्याल रखना चाहिए। वाहन चालकों को भी विद्यालय, ऑफिस तथा भीड़भाड़ इलाके में सावधान होकर वाहन चलाना चाहिए।


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