सोन नहर में स्थाई पानी के प्रबंध की मांग को लेकर दिया धरना
समाहरणालय के समक्ष गुरुवार को अखिल भारतीय किसान महासभा के सदस्यों ने सोन नहर में स्थाई पानी के प्रबंध सहित विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरना के बाद डीएम को मांगों को ज्ञापन भी सौंपा।
समाहरणालय के समक्ष गुरुवार को अखिल भारतीय किसान महासभा के सदस्यों ने सोन नहर में स्थाई पानी के प्रबंध सहित विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरना के बाद डीएम को मांगों को ज्ञापन भी सौंपा।
धरना में शामिल लोगों ने कहा कि बिहार में कृषि ही दो तिहाई आबादी के लिए जीविकोपार्जन का साधन है। कृषि विरोधी नीतियों के कारण कृषि संकट में है। किसान आत्म हत्या करने को विवश हैं। दो-दो बार कृषि रोड मैप जारी करने के बाद भी कोई कार्य नहीं हुआ। लगभग सभी सरकारी नलकूप बंद पडे हैं। बिजली के अभाव में निजी नलकूपों के जरिए डीजल से पटवन भारी महंगा पड़ता है। इंद्रपुरी जलाशय के लिए कदवन डैम का शिलान्यास 1990 में ही किया गया, लेकिन आज तक नहीं बन सका। धरना के माध्यम से सदस्यों ने इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण यथा शीघ्र कराने, सोन नहरों का आधुनिकीकरण कर उसके नीचले हिस्से तक पर्याप्त पानी देने की गारंटी देने, 60 वर्ष पूरा कर चुके बटाईदार सहित सभी किसानों को पांच हजार रुपया प्रति माह पेंशन देने, स्वामीनाथन आयोग के अनुसार कृषि उपज में लागत के डेढ़ गुना समर्थन मूल्य के साथ सरकारी खरीद की गारंटी करने सहित कुल आठ मांगों को बताया है। धरना में बबन सिंह, लुटावन प्रसाद, त्रिभुवन राम, ब्रह्मा सिंह यादव, राम एकबाल राम, मोरध्वज सिंह, विजय सिंह यादव सहित अन्य शामिल थे।