हौसले के बूते लोग घर पर रहकर कोरोना को दे रहे मात
जहां कोरोना वायरस को लेकर लोगों में भय का माहौल है वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो घर पर ही आइसोलेशन में रहकर अपनी हिम्मत और हौसले के बूते महामारी को मात दे रहे हैं।
कैमूर। जहां कोरोना वायरस को लेकर लोगों में भय का माहौल है, वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो घर पर ही आइसोलेशन में रहकर अपनी हिम्मत और हौसले के बूते महामारी को मात दे रहे हैं। वे स्वयं और अपने परिवार को कोरोनावायरस के संक्रमण से मुक्ति दिला रहे हैं, साथ ही समाज को भी साहस और समझदारी के साथ महामारी से मुकाबला करने का संदेश दे रहे हैं। उनमें अनेक ऐसे लोग भी हैं जो अपने पॉजिटिव होने की बात पर पर्दा न डाल कर अपने अनुभवों को लोगों से साझा कर रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि किस तरह से संक्रमण पर पार पाया जा सकता है। ऐसे लोगों में शामिल स्थानीय अंचल के कदई गांव के निवासी कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष उपेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि करीब तीन सप्ताह पूर्व उनका पूरा परिवार कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आ गया था। वे खुद भी संक्रमित हो गए थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और गांव के अपने खेत खलिहान के समीप मौजूद घर में ही आइसोलेशन में रहकर महामारी से मुकाबला किया। बगैर अस्पताल में भर्ती हुए खुद और परिवार को घर पर ही संक्रमण मुक्त किया, होम आइसोलेशन में रहकर अपनी बुजुर्ग मां और आसपास के अन्य लोगों को भी संक्रमण से सुरक्षित रखा। वे बताते हैं कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े उनके पुत्र ने परिवार को संक्रमण से मुक्ति दिलाने में काफी मदद की। उसने गांव आकर माता-पिता के लिए खाना बनाया, उनके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की तथा अपनी स्वयं की निगरानी में उन्हें दवाएं दीं। बेटे की अथक सेवा की बदौलत बिना अस्पताल गए ही आज पूरा परिवार पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है। कुदरा और आस पास के इलाके में इस तरह के कई अन्य परिवार भी लोगों के लिए नजीर बने हुए हैं। यहां ऐसे भी उदाहरण मौजूद हैं जहां अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं मिल पाने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार घर पर ही दवाओं, आयुर्वेदिक काढ़ा तथा प्रोन श्वसन जैसे उपायों की मदद से मरीज को स्वस्थ किया गया।