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अब छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए मिलेंगे डेढ़ हजार

बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत अभी तक 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को एक हजार की राशि मिली रही थी। राज्य सरकार ने इस राशि में इजाफा करते हुए अब डेढ़ हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 08:54 PM (IST)
अब छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए मिलेंगे डेढ़ हजार
अब छात्र-छात्राओं को पोशाक के लिए मिलेंगे डेढ़ हजार

बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत अभी तक 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को एक हजार की राशि मिली रही थी। राज्य सरकार ने इस राशि में इजाफा करते हुए अब डेढ़ हजार रुपये देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर कामती ने बताया कि राज्य मुख्यालय से प्राप्त पत्र के आलोक में अब नौवीं से 12 वीं तक मिलने वाली पोशाक राशि को एक हजार की बजाए डेढ़ हजार रुपया छात्र-छात्राओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के माध्यम से छात्र-छात्राओं के लिए संचालित योजनाओं का लाभ वैसे ही छात्र-छात्राएं प्राप्त कर पाएंगे जिनकी विद्यालयों में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति रहेगी। अन्यथा कम उपस्थिति होने पर उनको योजना के लाभ से वंचित होना पड़ेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अभिभावकों से कहा कि छात्र-छात्राओं को विद्यालयों में निमित पठन-पाठन के लिए अवश्य भेजे। ताकि पठन-पाठन के साथ-साथ विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार की विभिन्न संचालित योजनाओं का लाभ मिल सके।

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दो दिनों में एचएम पिछड़ा वर्ग के छात्रों की सूची कराएं उपलब्ध

जासं, भभुआ: जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों से वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग मेधा छात्रवृति योजना की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने को ले राज्य मुख्यालय द्वारा छात्रों की सूची तैयार रहेगी।इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर कामती ने बताया कि वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने वाले वैसे परीक्षार्थी जिनके अभिभावक की डेढ़ लाख रुपये तक वार्षिक आमदनी है वैसे अभिभावकों के बच्चों को मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग छात्रवृति योजना के तहत प्रोत्साहन राशि प्रदान की जानी है। इसके लिए राज्य मुख्यालय के निर्देशानुसार विद्यालयों से छात्र-छात्राओं की सूची मांगी गई है। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को दो दिनों के अंदर सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर इस कार्य में प्रधानाध्यापकों द्वारा शिथिलता बरती जाएगी तो बच्चों को योजना के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।


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