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कैमूर में 14 हजार किसानों के खेतों की मिट्टी की होगी जांच

भभुआ। जिले में किसानों के द्वारा फसल उत्पादन के लिए उर्वरकों के उपयोग से मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों में होने वाली कमी को दूर करने के लिए खेतों की मिट्टी की जांच की जा रही है। इसके लिए जिले में छह से से 16 मई तक अभियान चलाया जा रहा है। मिट्टी जांच का कार्य समाप्त होने के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 May 2022 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 13 May 2022 11:15 PM (IST)
कैमूर में 14 हजार किसानों के खेतों की मिट्टी की होगी जांच
कैमूर में 14 हजार किसानों के खेतों की मिट्टी की होगी जांच

भभुआ। जिले में किसानों के द्वारा फसल उत्पादन के लिए उर्वरकों के उपयोग से मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों में होने वाली कमी को दूर करने के लिए खेतों की मिट्टी की जांच की जा रही है। इसके लिए जिले में छह से से 16 मई तक अभियान चलाया जा रहा है। मिट्टी जांच का कार्य समाप्त होने के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में सहायक निदेशक रसायन दुर्गा रंजन ने बताया कि सभी प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत 14 हजार किसानों के खेतों की मिट्टी का नमूना लेने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय संग्रह दल को पांच मई को प्रशिक्षण दिया गया था। छह मई से जिला में मिट्टी नमूना संग्रह अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक 9350 किसानों के खेतों की मिट्टी नमूना संग्रह किया जा चुका हैं। सहायक निदेशक ने कहा कि पोषक तत्व की कमी को दूर करने के लिए वर्ष 2014-15 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को तीन वर्ष में मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है। ताकि उर्वरकों के इस्तेमाल में पोषक तत्वों की कमियों को पूरा करने का आधार प्राप्त हो सके। मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड में उर्वरकों की फसलवार जानकारी भी दी जाती है। साथ ही किसानों को यह भी बताया जाता है कि कृषि भूमि की उर्वरा क्षमता को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है। इससे किसानों को अपनी भूमि की सेहत जानने तथा उर्वरकों के चयन में भी मदद मिलती है। भूमि की सेहत और खाद की जानकारी नहीं होने के कारण किसान आम तौर पर नाइट्रोजन का अत्यधिक प्रयोग करते हैं। जो न सिर्फ कृषि उत्पाद की गुणवत्ता के लिए खतरनाक है बल्कि इससे भूमिगत जल में नाइट्रेट की मात्रा भी बढ़ जाती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से समस्याओं से बचा जा सकता है। जिला में प्रखंडवार संग्रह दल द्वारा लिया गया नमूना:

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अधौरा-674

भभुआ- 1169

भगवानपुर- 935

चैनपुर- 1195

चांद-778

दुर्गावती- 414

कुदरा- 590

मोहनियां-1204

नुआंव- 1025

रामगढ़- 684

रामपुर- 682 प्रखंडवार जिला का लक्ष्य :

अधौरा- 1275

भभुआ-1275

भगवानपुर-1275

चैनपुर- 1375

चांद-1275

दुर्गावती-1275

कुदरा- 1275

मोहनियां-1275

नुआंव-1275

रामगढ़- 1275

रामपुर- 1275


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