जीटी रोड बना वाहनों का अवैध पड़ाव, जहां तहां खड़े रहते हैं ट्रक
मोहनियां में जीटी रोड को चालकों ने वाहन पड़ाव बना दिया है। एनएच 30 भभुआ-पटना रोड मोड़ के समीप ट्रकों और अन्य वाहनों के खड़ा रहने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।
संवाद सहयोगी, मोहनियां: मोहनियां में जीटी रोड को चालकों ने वाहन पड़ाव बना दिया है। एनएच 30 भभुआ-पटना रोड मोड़ के समीप ट्रकों और अन्य वाहनों के खड़ा रहने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। इसके बाद भी प्रशासन व एनएचएआई के पदाधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यह समस्या नासूर बन चुकी है। जहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ रही हों वहां अन्य सड़कों की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान लगाया जा सकता है।सड़क पर जहां तहां भारी वाहनों के खड़ा होने से उत्पन्न समस्या नासूर बन चुकी है। जिसका समाधान असंभव तो नहीं लेकिन आसान भी नहीं है। यहां यातायात नियम हाशिये पर है। जिसको जहां मन करता है सड़क पर वाहन खड़ा करके निकल जाता है। इससे जाम लगने के साथ साथ दुर्घटनाएं भी होती हैं। राहगीरों का चलना मुश्किल होता है।
जीटी रोड के दोनों तरफ खड़ा होते हैं ट्रक :
नगर के चांदनी चौक से पूरब एनएच 30 मोड़ पर जीटी रोड व सर्विस लेन ट्रकों का अवैध पड़ाव बना हुआ है। यहां जीटी रोड पर दोनों तरफ दर्जनों बड़े-छोटे वाहन खड़े रहते हैं। जिसके कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। लोग काल के गाल में समा रहे हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन व एनएचआई के पदाधिकारी इस गंभीर समस्या के समाधान के प्रति गंभीर नहीं है। लंबे समय से एनएच 30 मोड़ पर जीटी रोड को खाली रखने के लिए जिले के वरीय पदाधिकारी स्थानीय पदाधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण मान लेते हैं। एनएचआई के पदाधिकारी भी समय समय पर इस समस्या से रूबरू होते हैं। एनएचआई की पेट्रोल कार व एंबुलेंस से प्रतिदिन पदाधिकारी व कर्मी जीटी रोड पर कुदरा से कर्मनाशा तक भ्रमण करते हैं। लेकिन इस गंभीर समस्या के समाधान पर किसी का ध्यान नहीं है। एनएच 30 मोड़ पर दोनों तरफ दर्जनों ट्रक बराबर खड़े रहते हैं। इसका मुख्य कारण है जीटी रोड के दोनों सर्विस लेन में ट्रांसपोर्ट कार्यालय व गैरेज का होना। दक्षिणी लेन में इनकी संख्या अधिक है। जिसके कारण 24 घंटे जीटी रोड से लेकर सर्विस लेन में दर्जनों ट्रक एक लाइन से खड़े रहते हैं। उत्तरी सर्विस लेन में भी होटल व गैरेजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण सड़क पर ही ट्रक व अन्य बड़े वाहन खड़े होते हैं। जीटी रोड पार करने वालों को ट्रक की आड़ में सर्विस लेन में आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते।जिसके कारण वाहनों की टक्कर होती है। पैदल यात्री भी दुर्घटना का शिकार होते हैं।
तीन वर्ष हुई थी कार्रवाई:
तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद सिंह के निर्देश पर मोहनियां के एसडीएम शिव कुमार राउत ने जीटी रोड व सर्विस लेन में खड़ा रहने वाले ट्रकों के विरुद्ध कारवाई करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि जीटी रोड पर जिस ट्रांसपोर्ट व गैरेज के सामने ट्रक या अन्य वाहन खड़े पाए जाएंगे ट्रक चालकों के साथ उनके संचालकों को भी दोषी माना जाएगा। इसके आलोक में एक-दो दिन मोहनियां पुलिस सक्रिय भी हुई। एक दो ट्रांसपोर्टरों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए ट्रकों को हटाया भी गया। लेकिन पुलिस व पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण समस्या यथावत हो गई।एनएच 30 मोड़ पर ही ओवरलोडेड वाहन भी खड़े होते हैं। यहां से इंट्री माफिया पदाधिकारियों के लोकेशन की जानकारी लेने के बाद ट्रकों को बिहार की सीमा पार करा देते हैं। सर्विस लेन में ट्रकों के खड़ा होने से बहुत कम जगह पड़ती है। जिसमें से एक साथ दो वाहन निकल सके। मोहनियां में अभी भी वन वे ट्रैफिक है। जिसके कारण हर लेन में दोनों तरफ से वाहनों का परिचालन होता है। जिससे नगर में आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।
कहते हैं पदाधिकारी-
जीटी रोड पर वाहनों के खड़ा रहने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।पूर्व में भी प्रशासनिक तौर पर यहां वाहनों को खड़ा नहीं करने के लिए चेतावनी दी जाती रही है।गैरेज वालों को भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है।इसके बाद भी जहां तहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को खड़ा करना यातायात नियमों के विरुद्ध है।ऐसे चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
रामबाबू, डीटीओ