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कुदरा में प्रशासन की नजर के सामने काटे जा रहे हरे पेड़

एक ओर जहां कैमूर के डीएम वृक्षारोपण का अभियान चलाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 02:03 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 02:03 AM (IST)
कुदरा में प्रशासन की नजर के सामने काटे जा रहे हरे पेड़

एक ओर जहां कैमूर के डीएम वृक्षारोपण का अभियान चलाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में जुटे हैं, वहीं कुदरा प्रखंड में इस लोक हितैषी भावना की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां चोरी चुपके ही नहीं बल्कि प्रशासन की नजरों के सामने सरकारी जमीन पर हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। लेकिन स्थानीय अधिकारियों को ऑक्सीजनदाई पेड़ों की हिफाजत की ¨चता नहीं है। इसका ताजा उदाहरण प्रखंड मुख्यालय से सटे एनएच 2 के किनारे मौजूद सकरी के राम जानकी मंदिर पोखरा परिसर में देखने को मिला। जहां छठ पूजा को लेकर खर पतवार व घास पात की सफाई के बहाने बड़ी संख्या में हरे भरे पेड़ों को नुकसान पहुंचाया गया। वहां कुछ पेड़ों को जड़ से काट दिया गया। वहीं पोखरे के ¨पड को काट कर उसके ऊपर मौजूद कई पेड़ों की जड़ों के पास की जमीन हटा कर उन्हें गिराने की तैयारी कर दी गई। बताते चलें कि छठ पूजा को लेकर अन्य छठ घाटों की तरह इस जगह पर भी मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। जाहिर है कि मजिस्ट्रेट की आंखों के सामने पेड़ व ¨पड काट डाले गए और अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। बता दें कि छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लेने के दौरान डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी व एसपी मो. फरोगुद्दीन भी स्थानीय अधिकारियों के साथ सकरी पोखरा घाट के निरीक्षण के लिए आए थे। लेकिन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों का प्रखंड क्षेत्र में मनोबल इतना अधिक बढ़ गया है कि हरे भरे वृक्षों को नुकसान पहुंचाते वक्त उन्हें आला अधिकारियों का खौफ भी नहीं रहा। गौर करने की बात है कि जिन हरे-भरे वृक्षों को नुकसान पहुंचाया गया वे सरकारी जमीन पर ही नहीं बल्कि सरकार के पैसे से ही लगाए गए हैं। इन वृक्षों को लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीण विकास मंत्रालय की मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत द्वारा लगाया गया था। मालूम हो कि इस स्थल से सटे ही सकरी ग्राम पंचायत कार्यालय का भवन है। जहां पंचायत के मुखिया व मनरेगा के रोजगार सेवक बैठते हैं। उक्त भवन की खिड़कियां सकरी पोखरा परिसर में ही खुलती है और उन खिड़कियों से सारी गतिविधियां दिखाई पड़ती हैं। लेकिन फिर भी जनप्रतिनिधि व सरकारी कर्मी उन हरे-भरे वृक्षों को बचाने की जरूरत नहीं समझते, जिन्हें लगाने के नाम पर वे हर साल सरकार की बड़ी रकम खर्च करवाते हैं। बता दें कि कुदरा प्रखंड क्षेत्र से होकर एनएच 2 व ग्रैंड कार्ड रेल लाइन गुजरती है। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ही बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड का सूबे का सबसे बड़ा प्लांट परिसर व क्षेत्रीय कार्यालय मौजूद है। सरकार की विकास योजनाओं के दौरान इन जगहों पर हजारों की तादाद में हरे भरे वृक्ष काटे जा चुके हैं। जिसके चलते पहले से ही कुदरा प्रखंड में हरियाली का भूक्षेत्र काफी घट चुका है। इसके बावजूद इसके संरक्षण की जरूरत न समझ कर पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

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