एक सप्ताह में दुरुस्त करें विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की व्यवस्था
कैमूर। जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद ¨सह ने गुरुवार को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का औचक निर
कैमूर। जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद ¨सह ने गुरुवार को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का औचक निरीक्षण किया। संस्थान में पल रहे बच्चों के पालन पोषण की व्यवस्था की जानकारी ली। जांच के दौरान बच्चों की देख-रेख में की गई व्यवस्था की गड़बड़ी को देखते हुए उन्होंने संस्थान को एक सप्ताह में व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया। जांच के दौरान सिविल सर्जन डॉ. नंदेश्वर प्रसाद, डीईओ राम राज प्रसाद के अलावा सहायक निदेशक बाल संरक्षण आलोक कुमार, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के समन्वयक शंभू शरण पांडेय के अलावा अन्य लोग मौजूद थे। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की संचालन करने वाले ज्ञान भारती प्रशिक्षण संस्थान का कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं था। जिलाधिकारी ने जांच के क्रम में सबसे पहले संस्थान में पालन-पोषण किए जाने वाले बच्चों की जानकारी ली तथा उनकी स्वास्थ्य व्यवस्था तथा चिकित्सकों द्वारा नियमित स्वास्थ्य जांच की जानकारी ली। जांच के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि बच्चों की स्वास्थ्य जांच रूटिन के अनुसार की जाए तथा उन्हें नियमित टीकाकरण भी किया जाए। इसकी मॉनीट¨रग करने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन को दी कि प्रत्येक माह स्वयं सिविल सर्जन संस्थान में आकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करें। बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए सदर अस्पताल में भी व्यवस्था किए जाने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया। साथ ही उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं की भी जानकारी प्राप्त की। बच्चों को रात में सुलाने के लिए पर्याप्त बेड नहीं होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संस्थान के समन्वयक को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर सभी व्यवस्था को हर हाल में सुनिश्चित कर लिया जाए। वहीं विशिष्ट दत्तक संस्थान के संचालन करने वाली संस्थान को दी गई राशि के बारे में डीएम ने जानकारी प्राप्त की। जानकारी के दौरान कैशबुक देखा गया। जिसमें कैशबुक पंजी मेनटेन नहीं होने पर डीएम ने निर्देश दिया कि 24 घंटे के अंदर संस्थान द्वारा 24 घंटे के अंदर पंजी संधारण की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। जांच के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों को दिए जाने वाले पोषक पदार्थों की जानकारी विधिवत ली। उन्होंने निर्देश दिया कि उनके स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरती जाए। जांच के दौरान उपस्थित सहायक निदेशक बाल संरक्षण आलोक कुमार ने बताया कि संस्थान में पाले जा रहे बच्चों की देख-रेख के लिए संस्थान को तीन लाख 21 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। उसके बावजूद भी संस्थान द्वारा बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है। बता दें कि संस्थान में वर्तमान समय में दस बच्चों का पालन पोषण किया जा रहा है। जिसमें सात लड़कियां व तीन लड़के शामिल हैं। जांच के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई समिति की अध्यक्ष प्रेमलता ¨सह, मनोज कुमार गुप्ता के अलावा अन्य उपस्थित थे।