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जिले के 81 विद्यालयों के पास नहीं है रसोईघर

विद्यालयों के वर्ग कक्षों में बनाया जा रहा एमडीएम जमीन की उपलब्धता नहीं रहने से रसोई घर नहीं बनने की बात कह रहे पदाधिकारी जासं भभुआ सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना को सुचारू व स्वच्छ वातावरण में बनाए जाने के लिए रसोई घरों की सुविधा

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 05:25 PM (IST)
जिले के 81 विद्यालयों के पास नहीं है रसोईघर
जिले के 81 विद्यालयों के पास नहीं है रसोईघर

सरकारी स्कूलों में एमडीएम योजना को सुचारू व स्वच्छ वातावरण में बनाए जाने के लिए रसोई घरों की सुविधा देने की योजना है। लेकिन जिले के 1203 विद्यालयों में से ऐसे 81 विद्यालय हैं जहां रसोई घर नहीं है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को एमडीएम के तहत दिया जाने वाला भोजन वर्ग कक्षों में बना कर दिया जा रहा है। जिससे धुआं के बीच बच्चों को पठन-पाठन करना पड़ रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम यदुवंश राम ने बताया कि जिले के 11 प्रखंड क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले कुल 81 विद्यालय ऐसे हैं जिनमें जमीन की अनुपलब्धता के कारण रसोई घर का निर्माण नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में निदेशक एमडीएम को भी पत्राचार कर सूचित किया जा चुका है। रसोई घर नहीं होने की स्थिति में एमडीएम बनाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि बच्चों को दिया जाने वाला एमडीएम को खुले में नहीं बनाया जाना है। इसलिए विद्यालय के किसी एक वर्गकक्ष में एमडीएम बनाए जाने का काम किया जा रहा है। ताकि बच्चों को एमडीएम मिल सके। उन्होंने कहा कि एमडीएम बनाए जाने के लिए विद्यालयों को पूर्व में ही एलपीजी की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। ताकि धुआं रहित वातावरण में एमडीएम बना कर दिया जा सके। उन्होंने बताया कि सात विद्यालयों में रसोई घर बनाने का कार्य शीघ्र शुरू होगा। क्योंकि उक्त विद्यालयों में जमीन को चिह्नित करने की कार्रवाई पूर्ण कर दी गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था का मामला बार-बार सामने आ रहा है। विद्यालयों में एलपीजी की सुविधा होने के बावजूद उपला व लकड़ी पर एमडीएम बनाया जा रहा है। जिससे विद्यालय में धुआं के बीच एमडीएम बनते हुए दिख रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व भगवानपुर प्रखंड के भुडकुड़ा गांव के विद्यालय को दो महीना से बंद होने की बात सामने आई थी। ऐसे में पदाधिकारियों के प्रयास के बावजूद भी जिले के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है।

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