कहानियां सुनाकर बच्चों को दी जाएगी विषय की समझ
कैमूर। स्थानीय प्रखंड संसाधन केन्द्र में आयोजित तीन दिवसीय गैर आवासीय फलक प्रशिक्षण का बुध्
कैमूर। स्थानीय प्रखंड संसाधन केन्द्र में आयोजित तीन दिवसीय गैर आवासीय फलक प्रशिक्षण का बुधवार को समापन हुआ। जिसमें मोहनियां प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों से आये 43 शिक्षक- शिक्षिकाओं को साधन सेवी मो. मुस्ताक हुसैन एवं तेज प्रकाश राय के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अनंत सिंह ने कार्यक्रम के समापन के मौके पर कहा कि फलक कार्यक्रम की मान्यता है कि विद्यालय एक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं ज्ञानात्मक संदर्भ में अंत: क्रियात्मक स्थल है। जहां समस्त गतिविधियों का केन्द्र बच्चे के इर्द-गिर्द होता है। राष्ट्रीय कार्यक्रम की रूप रेखा 2005 के मार्गदर्शक सिद्धांत में से एक है। ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ना। इस सिद्धान्त का अर्थ है कि बच्चे के दैनिक जीवन के अनुभव तथा स्कूली ज्ञान के बीच सीमाओं को लचीला बनाने की आवश्यकता है। बच्चा जो कुछ सीखता है उसमें भाषा की भूमिका केन्द्रीय है। फलक कार्यक्रम के अंतर्गत सम्पूर्ण कोशिश पहली कक्षा पर केन्द्रित है। इसमें बच्चों को हिन्दी, गणित, अंग्रेजी को सरलता से समझाने की विधि बतायी गई है। हिन्दी भाषा सिखाने के क्रम में बच्चों को बाल गीत एवं कहानियां सुनाते हुए उन्हें विषय की समझ दी जायेगी। इस क्रम में वे शब्द अक्षर व वाक्यों की संरचनाओं को जानेंगे। इससे बच्चों को अपनी बातों को बोलने का अवसर मिलेगा। शब्दों की साइड मेमोरी या ग्राफिक रीडिंग का अभ्यास होगा। भाषा प्रयोग के नये - नये अवसर दिये जायेंगे एवं लिखने हेतु ज्यादा प्रोत्साहित किया जायेगा। साधन सेवी मुख्तार हुसैन व तेज प्रताप ने बताया कि फलक कार्यक्रम में सृजनात्मक कार्य को तरजीह दी गई है। यह पर्यावरण एवं व्यक्तित्व के विकास की बच्चों में समझ पैदा करने की कोशिश है।