नगर पंचायत के गठन के दस वर्षों बाद भी वार्ड सात की नहीं बदली सूरत
दस वर्ष पूर्व मोहनियां को नगर पंचायत का दर्जा मिला था। तब लोगों को यह उम्मीद थी कि वार्ड का विकास होगा। नगर वासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए नहीं तरसना पड़ेगा। लेकिन लोगों के अरमान अधूरे रह गए। नगर पंचायत के गठन के 10 वर्षों बाद भी वार्ड नंबर सात की सूरत नहीं बदली। कहीं घरों के सामने गंदगी का अंबार है तो कहीं खुले नाले का पानी कई घरों में घुसता है। वार्ड में घरों के सामने ढक्कन विहीन नाला है। जो बराबर जाम रहता है। सड़क पर वाहनों के खड़ा रहने से पैदल चलना मुश्किल होता है।
संवाद सहयोगी, मोहनियां, भभुआ। दस वर्ष पूर्व मोहनियां को नगर पंचायत का दर्जा मिला था। तब लोगों को यह उम्मीद थी कि वार्ड का विकास होगा। नगर वासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए नहीं तरसना पड़ेगा। लेकिन लोगों के अरमान अधूरे रह गए। नगर पंचायत के गठन के 10 वर्षों बाद भी वार्ड नंबर सात की सूरत नहीं बदली। कहीं घरों के सामने गंदगी का अंबार है तो कहीं खुले नाले का पानी कई घरों में घुसता है। वार्ड में घरों के सामने ढक्कन विहीन नाला है। जो बराबर जाम रहता है। सड़क पर वाहनों के खड़ा रहने से पैदल चलना मुश्किल होता है। वार्ड की कई गलियां बदहाल हैं। जिसमें बरसात में घुटने भर पानी लगता है। जिसके कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल होता है। छोटे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। वार्ड नंबर सात में ही नगर का पूरा बाजार है। आबादी के हिसाब से नगर का यह सबसे बड़ा वार्ड है।चांदनी चौक से उत्तर रामगढ़ रोड से पश्चिम से लेकर प्रखंड कार्यालय तक वार्ड नंबर सात का क्षेत्र है। स्टुवरगंज बाजार भी वार्ड नंबर सात में ही है। जिसमें सड़क पर अतिक्रमणकारियों का अवैध कब्जा रहता है। अनुमंडल अस्पताल के पीछे इस वार्ड में घरों के सामने कूड़े का ढेर लगा रहता है। जिससे निकलने वाली दुर्गंध से लोग बेहाल रहते हैं। आरओबी के पश्चिम व मुख्य सड़क पर अतिक्रमण के कारण आए दिन नगर में जाम की समस्या उत्पन्न होती है।
क्या कहते हैं वार्ड वासी-
डा. रमाकांत पाठक: चांदनी चौक से रेल ऊपरी पुल के नीचे सड़क के किनारे सुबह से शाम तक वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। जिससे पैदल यात्रियों का चलना मुश्किल होता है। यह समस्या काफी गंभीर है। सात फीट की सड़क पर दोनों तरफ टेंपो और बाइकें खड़ी होने के बाद कितनी जगह बचती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रशासन का इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं है। दयाशंकर गुप्ता उर्फ मुन्ना: दुकानों के आगे खुला नाला होने के कारण काफी परेशानी होती है। ग्राहकों का दुकान में आना मुश्किल होता है। जरा सी चूक होने पर ग्राहक व राहगीर नाला में गिर सकते हैं। नाला जाम होने से पानी घरों और दुकानों में घुसता है। जीटी रोड को सिक्स लेन बनाने वाली कंपनी द्वारा नाला निर्माण में शिथिलता बरती जा रही है। दुकानों के सामने दुकानदार अपने पैसे से नाले के ऊपर ढक्कन बनवाकर काम चलाते हैं।----- विष्णु अग्रवाल: अनुमंडल अस्पताल के पीछे बड़ी आबादी निवास करती है। सफाई नहीं होने से वार्ड में गंदगी अंबार लगा रहता है। घरों के सामने कूड़े का ढ़ेर लगा रहता है। जिससे महामारी फैलने का खतरा रहता है। 10 दिनों पर कूड़े का उठाव होता है। सफाई करने वाली मशीन कूड़ेदान का कूड़ा पलट देती है। सफाई पर नगर पंचायत का ध्यान नहीं है।
डा. छेदी लाल केशरी : स्टुवरगंज बाजार में बनी नाली बराबर जाम रहती है। जिससे गंदा पानी सड़क पर जमा होता है।जिससे पैदल चलना मुश्किल होता है। वार्ड में नल जल योजना छलावा बनी है। जलापूर्ति के लिए घरों तक पाइप बिछाया गया है। लेकिन घरों में पानी नहीं पहुंचता।इस पर नगर पंचायत को ध्यान देना चाहिए। क्या कहते हैं पदाधिकारी-
उनका सफाई पर विशेष ध्यान है सफाई कर्मियों को सभी वार्डों में नियमित रूप से सफाई करने का निर्देश दिया गया है।अगर वार्ड में कहीं गंदगी है तो उसे हटवाया जाएगा। नल जल योजना की गड़बड़ी को दूर किया जाएगा। नगर में जीटी रोड के उत्तरी सर्विस लेन में सिक्स लेन बनाने वाली कंपनी को ढक्कन वाला नाला बनाना है। नाला निर्माण कार्य शुरू हो गया था। लेकिन मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण कार्य रुका है। एनएचआई के पदाधिकारियों ने शीघ्र नाला निर्माण कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है। शीघ्र ही इस समस्या का समाधान होगा। सड़क पर अतिक्रमण को लेकर प्रशासन गंभीर है। अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई शुरू हो गई है।
शशि भूषण मिश्रा, ईओ