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शरीर में खून की कमी से नहीं हो पाता समुचित विकास : डीएम

खून की कमी के मामले में लापरवाही घातक होगी। शरीर में खून की कमी से समुचित विकास नहीं हो पाता है। इसके चलते गर्भवती को प्रसव के दौरान काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 09:57 PM (IST)
शरीर में खून की कमी से नहीं हो पाता समुचित विकास : डीएम
शरीर में खून की कमी से नहीं हो पाता समुचित विकास : डीएम

खून की कमी के मामले में लापरवाही घातक होगी। शरीर में खून की कमी से समुचित विकास नहीं हो पाता है। इसके चलते गर्भवती को प्रसव के दौरान काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सदर अस्पताल में आने वाले कई मरीजों में खून की कमी की समस्या मिलने परिजनों को खून चढ़ाने के लिए भाग दौड़ करनी पड़ती है। इसलिए आवश्यक है कि सरकार द्वारा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही नीली गोली का उपयोग कराकर हम सभी लोग अपने बच्चों में हो रहे खून की कमी को दूर करें। यह बातें जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कही। वे बुधवार को नगर के राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय में आयोजित आयरन एवं फोलिक एसिड अनुपूरक साप्ताहिक कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद उपस्थित नागरिकों व छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।

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डीएम ने कार्यक्रम से जुड़े शिक्षकों व आंगनबाड़ी सेविकाओं से अपने दायित्व का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करने की बात कही। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को कार्यक्रम का पर्यवेक्षण करते रहने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने अपनी उपस्थिति में पांच छात्राओं को खून की कमी दूर करने वाली नीली गोली खिलवाई।

इस मौके पर सिविल सर्जन मिथिलेश झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर कमती, डीपीएम विवेक कुमार ¨सह, डीआइओ डॉ. आर के चौधरी, सदर बीईओ मालती नगीना, सदर सीडीपीओं शशि कुमारी, केयर इंडिया के नसीरूद्दीन व सतीश कुमार तथा अनिल कुमार, स्वास्थ्य कर्मी, विद्यालय की शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित थीं।

डीआइओ ने बताया कि जिले के कक्षा छह से इंटर तक के दो लाख एक हजार 888 स्कूली छात्र- छात्राओं व 87581 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े बालक व बालिकाओं को खून कमी दूर करने वाली नीली गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके लिए सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों को पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराते हुए पंजीयन के लिए रजिस्टर नोडल शिक्षकों व सेविकाओं को उपलब्ध करा दिया गया है। साथ यह निर्देश दिया गया है कि वे पहले नीली गोली खाने के बाद छात्र- छात्राओं को दवा खिलाएं। सभी स्कूलों व केंद्रों पर प्रत्येक बुधवार को अनिवार्य रूप से गोली खिलाने का कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया है।


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