लगातार जा रही है हिरणों की जान, विभाग मौन
कैमूर कैमूर जिले में लगातार हिरणों की जान जा रही है। इस पर विभाग की ओर से कोई एक्श्
कैमूर : कैमूर जिले में लगातार हिरणों की जान जा रही है। इस पर विभाग की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जिले में लगातार हिरणों का शिकार होता रहा है। कभी कुत्तों से तो कभी बंदूक से शिकार कराने का मामला सामने आता रहा है। कभी सड़क दुर्घटना में भी हिरणों की मौत होने की सूचना मिलती रही है। अभी बीते दिनों ही रामगढ़ के एक क्षेत्र के पटना रोहिया गेट पर सड़क दुर्घटना में एक हिरण की मौत हो गई। जबकि वन विभाग को वन्य जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए करोड़ों रूपये आते है। जहां उनके खाने पीने की व्यवस्था से लेकर कई तरह के कार्य करने होते है। लेकिन इस पर विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही। कुछ महीने ही एक कुआं में बिजली की करंट से नीलगाय की मौत हो गई थी। विभाग की लापरवाही से उसके शव को नहीं निकाला गया। जिससे वो सड़ गल गया। वहीं दूसरी ओर कैमूर, रोहतास, बक्सर व भोजपुर जिला में काला हिरण के सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार के पैसे भेजे गए थे। काला हिरण रामगढ़ के जंगलछेरा में देखे जाते है। अक्सर रामगढ़ व नुआंव क्षेत्र में हिरणों के मरने की सुचना मिलते रहती है। लेकिन विभाग का हाथ हर बार खाली ही रह जाता है। विभाग भी इसको लेकर कोई खास चितित नहीं है। जबकि सरकार के द्वारा वन्य जीव जंतुओं को संरक्षित रखने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करती है।
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मोहनियां रेंज क्षेत्र के जमीन की कमी है। इसके लिए विभाग को पत्र भी लिखा गया है कि मोहनियां रेंज में जमीन की उपलब्धता हो पाए। चार सदस्यीय टीम के द्वारा सूचना मिलने के बाद जांच करती है। जिले में वन विभाग जीव जंतुओं को संरक्षण को लेकर पूरी तत्पर है।
विकास अहलावत, डीएफओ