चांद प्रखंड में 390 प्रवासियों को मनरेगा से मिला काम
कोरोना महामारी व उससे बचाव को लेकर किए गए लॉकडाउन से प्रवासी घर वापस आ रहे हैं। मज
कोरोना महामारी व उससे बचाव को लेकर किए गए लॉकडाउन से प्रवासी घर वापस आ रहे हैं। मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाले मजदूरों के सामने रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है। लेकिन ऐसे बिषम परिस्थिति में मजदूरों के लिए मनरेगा योजना काम आ रही है। सैकड़ों प्रवासी मजदूर मनरेगा में रोजगार पाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। प्रखंड के 12 पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत नाला बाहा पइन आदि कार्य तीव्र गति से कराए जा रहे हैं। चांद प्रखंड के पीओ ने बताया कि अब तक 390 प्रवासी मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं। अन्य राज्यों से आने वाले मजदूर अनिल बिद, हीरालाल नोनिया, सुभाष बिद, गजाधर साह आदि ने बताया कि मुंबई, गुजरात की बड़ी बड़ी कंपनियों के बंद होने एवं कोरोना वायरस तथा लॉकडाउन के चलते घर चले आए। मजदूरों ने कहा कि घर आने के बाद रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई। ऐसे में मनरेगा योजना से बाहा, नाला, पइन, आहर खोदाई का कार्य ईचांव गांव में कराया जा रहा था। रोजगार सेवक गौतम कुमार ने बताया कि लोहदन पंचायत में कुल एक सौ प्रवासी मजदूर रोजगार पा रहे हैं।