अमन ने रक्तदान कर गर्भवती की बचाई जान
यू तो जीवन में हर प्रकार के दान का अपना अलग महत्व है लेकिन जाति बंधन से ऊपर उठकर मानवता की मिसाल कायम रखने व दूसरे की जान बचाने के लिए किया गया रक्तदान अतुलनीय है।
यू तो जीवन में हर प्रकार के दान का अपना अलग महत्व है, लेकिन जाति बंधन से ऊपर उठकर मानवता की मिसाल कायम रखने व दूसरे की जान बचाने के लिए किया गया रक्तदान अतुलनीय है। कुछ ऐसा ही जज्बा शुक्रवार को सदर अस्पताल में उस समय देखने को मिला। जब नगर के वार्ड 16 निवासी अमन मिश्रा ने हीमोग्लोबीन की कमी से जूझ रही गर्भवती के लिए रक्तदान कर उसकी जान बचाई। चिकित्सक सहित आसपास के लोगों ने युवक के जज्बे को सलाम करते उसके कार्य को अनुकरणीय बताया। जानकारी के अनुसार, सदर प्रखंड के अखलासपुर गांव निवासी जितेंद्र चौहान शुक्रवार अपनी गर्भवती पत्नी आशा देवी को प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए सदर अस्पताल लाए थे। महिला चिकित्सक डॉ. किरन सिंह ने आठ माह का गर्भ धारण करने वाली महिला के पर्चे पर हीमोग्लोबिन जांच कराने को लिखा। अस्पताल में हुई जांच में सात फीसद हीमोग्लाबिन पाया गया जबकि प्रसव के समय कम से कम नौ फीसद होना चाहिए। वैसे सामान्य रूप से स्वास्थ्य व्यक्ति के शरीर में 14 से 16 फीसदी हीमोग्लाबिन होना चाहिए। चिकित्सक ने महिला के पति से कम से कम एक यूनिट खून चढ़वाने की बात कही।
ऐसा प्रथम अवसर होने के कारण परेशान पति अस्पताल व आसपास में खून कैसे व कहां मिलेगा पता लगाने में चक्कर काट रहा था। इसी दौरान नगर के एकता चौक के करीब उसकी मुलाकात अमन से हुई। उसे अपनी परेशानी बताई। इस पर अमन तैयार हो गया। ब्लड बैंक के नोडल पदाधिकारी डॉ. सिद्धार्थ राज सिंह से मिल अमन ने रक्तदान की इच्छा जताई। समाचार लिखे जाने तक अस्पताल में गर्भवती महिला को ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी।
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