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अटल ज्योति योजना से गांवों में लगी 113 लाइटों में कई बंद

चार माह में ही 25.63 लाख की योजना फ्लॉप सांसद निधि से खर्च हुए 6.16 लाख - उठ रहे सिस्टम पर सवाल घालमेल के खेल की आशंका जता रहे ग्रामीण संवाद सूत्र रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न गांवों को रात के अंधेरे में जगमग करने के लिए अटल ज्योति योजना से लाइटें लगवाई गईं। लेकिन चार माह में ही इन सोलर लाइटों ने अंधेरे से लड़ने की ताकत खो दी। इस योजना में मंदिरों के पास रो

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 04:07 PM (IST)
अटल ज्योति योजना से गांवों में लगी 113 लाइटों में कई बंद
अटल ज्योति योजना से गांवों में लगी 113 लाइटों में कई बंद

प्रखंड के विभिन्न गांवों को रात के अंधेरे में जगमग करने के लिए अटल ज्योति योजना से लाइटें लगवाई गईं। लेकिन चार माह में ही इन सोलर लाइटों ने अंधेरे से लड़ने की ताकत खो दी। इस योजना में मंदिरों के पास रोशनी करने की योजना भी थी। लेकिन यह योजना चार माह में ही फ्लॉप हो गई। आज मंदिरों में रात में अंधेरे में ही श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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बक्सर के सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की साधना- उपासना से सभी परिचित हैं। दूसरी बार सांसद बने तो उन्होंने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तीनों प्रखंडों में अटल ग्राम ज्योति योजना से क्षेत्र को रोशन करने का बीड़ा उठाया। इसके तहत रामगढ़ में 53, नुआंव में 45 व शेष दुर्गावती समेत कुल 113 सोलर लाइटें लगवाई। इसमें सांसद ने 78 मंदिरों के परिसरों का चयन किया। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत नवीन व नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय से यह योजना स्वीकृत है। ईईसीएल (एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) को ज्योति योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है।  जिला योजना कार्यालय ने इसे धरातल पर अंजाम दिया। इस योजना के तहत 22 हजार 687 रुपए की दर से सोलर स्ट्रीट लाइट पर 25 लाख 63 हजार 631 रुपए खर्च हुए। योजना के प्रावधानों के मुताबिक 25 प्रतिशत यानी छह लाख 16 हजार 802 रुपए सांसद निधि से खर्च किए गए। अब जबकि योजना की सोलर लाइटों से प्रकाश नहीं मिल रहा तो ग्रामीण इस सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं। भाजपा नेता त्रिपुरारी चौबे व प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष मदन तिवारी ने इसपर सवाल उठाया तथा बताया कि मेरे गांव बिदामनचक में ब्रह्मबाबा स्थान पर लगी लाइट कभी प्रकाश नहीं दे सकी। कई गांवों में भ्रमण के दौरान लोग शिकायत कर रहे हैं कि इस योजना से लगी लाइटें खराब हो गई। इसका मतलब है कि योजना में घालमेल हुआ है। बहरहाल चार दिनों की चांदनी फिर अंधेरी रात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

बंदीपुर व देवहलियां पंचायत की सभी सोलर लाइट खराब :-

प्रखंड के देवहलियां पंचायत में चार सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। देवहलियां में दुर्गा मंदिर के निकट, भड़हेरिया में काली मंदिर के निकट, रहारी व छत्रपुरा मंदिर के निकट। ग्रामीणों ने बताया कि लगने के बाद से ही लाइटें जली नहीं। कोई देखने भी नहीं आया कि इसको ठीक कराया जा सके। कैमूर के प्रसिद्ध बैजनाथ धाम में लगी लाइट भी बदहाल है। बिदामनचक ब्रह्मबाबा की लाइट का भी यही हाल है। खनेठी व खोरहरा की लाइट भी बंद है। छेवरी मंदिर परिसर की लाइट कभी जलती है तो कभी नहीं जलती। सिद्धि बाबा धाम बंदीपुर, अंकोढ़ी हनुमान गढ़ी की लाइट भी शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। अभैदे देवी मंदिर परिसर में लाइट जल रही है। नुआंव प्रखंड में नुआंव, तरैथा, छाता- बराढ़ी समेत दर्जन भर सोलर लाइट नहीं जल रही।


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