1115 बोरी यूरिया से किसानों की समस्या नहीं हुई खत्म
कभी डीएपी खाद तो कभी यूरिया खाद की किल्लत से रामगढ़ वासी त्रस्त होते रहे। लेकिन इनको जरुरत के हिसाब से कोई खाद समय से नहीं मिल सकी। जब गेहूं बुआई के समय डीएपी खाद की आवश्यकता किसानों को थी तो डीएपी ने किसानों को परेशान किया। जब किसी तरह बिना डीएपी के किसान खेतों में गेहूं बोआई किए तो डीएपी खाद बिस्कोमान भवन पहुंची।
संवाद सूत्र, रामगढ़: कभी डीएपी खाद तो कभी यूरिया खाद की किल्लत से रामगढ़ वासी त्रस्त होते रहे। लेकिन इनको जरुरत के हिसाब से कोई खाद समय से नहीं मिल सकी। जब गेहूं बुआई के समय डीएपी खाद की आवश्यकता किसानों को थी तो डीएपी ने किसानों को परेशान किया। जब किसी तरह बिना डीएपी के किसान खेतों में गेहूं बोआई किए तो डीएपी खाद बिस्कोमान भवन पहुंची। तब भी खाद के लिए चार दिनों तक मारामारी की नौबत हो गई। अब जब किसानों को यूरिया खाद की दरकार है तो बाजार में यूरिया खाद प्रसाद के तरह भेजी गई। बुधवार की रात रामगढ़ बाजार में यूरिया की खेप पहुंचने की सूचना मिलते ही किसान बाजार में पहुंच गए। आवंटित खाद दुकानों पर लोग आधार कार्ड लेकर पहुंचे। दुकान खुलते ही भीड़ बढ़ गई। लोग अपने हिसाब से यानी जिसकी जैसी चली उस हिसाब से खाद लेने आगे बढ़ गए। कुछ ही देर बाद सरवर पास मशीन का चला गया। जो पाया वो सिकंदर बन गया। बाकी के लोग आधार कार्ड जमा कर सरवर आने का इंतजार करते रहे। खाद विक्रेता ब्रजेश सिंह व लोकनाथ सिंह कुशवाहा ने बताया कि काफी कम खाद आने से खाद वितरण में परेशानी हो रही है। किसी को एक बोरी तो किसी को दो बोरी या फिर बड़े किसानों को चार बोरी यूरिया दी जा रही है। इन लोगों ने बताया कि 12 बजे दिन के बाद सरवर पास मशीन का काम नहीं करने से कार्य बंद हो गया। तब तक कुछ खाद का वितरण हो चुका था। कृषि विभाग के कर्मी आवंटित खाद दुकानों का जायजा लेते रहे। कृषि समन्वयक जितेंद्र सिंह ने बताया कि बारिश होने के कारण यूरिया खाद की डिमांड ज्यादा है। इस लिहाज से खाद दुकानों पर भीड़ हो रही है। दस हजार बोरी यूरिया खाद के आवंटन की आवश्यकता है। तब जाकर खाद की समस्या दूर होगी।