ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक के लिए 25 लाख रुपया आवंटित
संवाद सहयोगी जमुई मुख्यालय स्थित सरकारी बस डिपो के पीछे स्थित खाली पड़ी जमीन पर जल्द ही ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। राज्य सरकार द्वारा इसके निर्माण को गति प्रदान करने के लिए प्रथम चरण में 25 लाख रुपये का आवंटन किया गया है।
फोटो- 04 जमुई- 19
- सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा ट्रैक
- सीसीटीवी कैमरा से लाइसेंस लेने वालों के गतिविधि पर रखी जाएगी नजर
- टेस्टिग ट्रैक के निर्माण के लिए दो चरण में होगा राशि का आवंटन
-----------
- 50 लाख रुपये की राशि निर्माण कार्य में होगी खर्च
----------
फोटो-04 जमुई- 19
संवाद सहयोगी, जमुई : मुख्यालय स्थित सरकारी बस डिपो के पीछे स्थित खाली पड़ी जमीन पर जल्द ही ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। राज्य सरकार द्वारा इसके निर्माण को गति प्रदान करने के लिए प्रथम चरण में 25 लाख रुपये का आवंटन किया गया है। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि उक्त चयनित स्थल पर आधुनिक तकनीक से सुसज्जित ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। दोपहिया तथा चारपहिया वाहन का लाइसेंस लेने के लिए अलग-अलग टेस्टिग ट्रैक का निर्माण होगा। इसके अलावा इस परिसर में एक सभा भवन, एमवीआइ कक्ष और एक गार्ड रूम का भी निर्माण किया जाएगा। यह पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरा से लैस होगा और ड्राइविग के लिए टेस्ट देने वालों के पूरे प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर भवन निर्माण विभाग को भी भेज दिया गया है और जल्द ही इसके निविदा की प्रक्रिया भी की जाएगी। उक्त भवन और सभी निर्माण कार्य में कुल 50 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। इसके लिए सारी कवायद पूरी की जा चुकी है। इसका निर्माण कार्य जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा और इसके बनने से सड़क दुर्घटनाओं पर काफी हद तक रोक लग सकेगी। दोपहिया या चारपहिया वाहन का लाइसेंस लेने वाले सभी लोगों को हर हाल में टेस्ट पास करना होगा। आए दिन सबसे अधिक सड़क दुर्घटना में ही मौत हो रही है और सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
-----
कोट:-
ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक के निर्माण के लिए जल्द ही निविदा निकालकर एजेंसी का चयन किया जाएगा। एजेंसी का चयन होने के पश्चात इसके निर्माण का कार्य तीव्र गति से पूरा किया जाएगा।
आशीष कुमार, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग