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बढ़ती कक्षा के साथ बच्चों में कम हो रही सीखने की क्षमता

संवाद सहयोगी जमुई कोरोना संक्रमण के दौरान जिले में स्कूली बचों में बढ़ती कक्षा के साथ बचों के सीखने की क्षमता में कमी आई है। यह रिपोर्ट विद्यालयों में बचों को सीखने की क्षमता के मूल्यांकन को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण यानी (एनएएस) 2021 की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2022 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2022 06:55 PM (IST)
बढ़ती कक्षा के साथ बच्चों में कम हो रही सीखने की क्षमता
बढ़ती कक्षा के साथ बच्चों में कम हो रही सीखने की क्षमता

- 10 वीं कक्षा के 76 प्रतिशत बच्चों को नहीं है विज्ञान का मौलिक ज्ञान

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-03 साल के बाद जारी किया जाता है राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण रिपोर्ट

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संवाद सहयोगी, जमुई : कोरोना संक्रमण के दौरान जिले में स्कूली बच्चों में बढ़ती कक्षा के साथ बच्चों के सीखने की क्षमता में कमी आई है। यह रिपोर्ट विद्यालयों में बच्चों को सीखने की क्षमता के मूल्यांकन को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण यानी (एनएएस) 2021 की है। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशन में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण रिपोर्ट में देश भर की कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं एवं दसवीं में बच्चों को सीखने की क्षमता का राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण करते हुए देश में स्कूली शिक्षा प्रणाली के गुणवत्ता का आकलन किया गया है। इसी के तहत इस जिले की भी रिपोर्ट जारी की गई। शिक्षा मंत्रालय के निर्देशन में राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के सभी जिलों में हर तीन साल के बाद स्कूली बच्चों के बीच सीखने की क्षमता एवं स्कूली शिक्षा प्रणाली को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण किया जाता है।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के तहत जिले में कुल 152 विद्यालयों के 3856 छात्र-छात्राएं एवं 517 शिक्षकों का स्कूली शिक्षा प्रणाली का समग्र मूल्यांकन किया गया। इसके आधार पर रिपोर्ट जारी की गई। एनएएस द्वारा जारी रिपोर्ट से जिले के शिक्षा व्यवस्था से संबंधित कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एनएएस द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले के विद्यालयों में नामांकित स्कूली बच्चों में कक्षा तीन में 44 प्रतिशत, कक्षा पांच में 27 प्रतिशत, कक्षा आठ में 39 प्रतिशत तथा कक्षा दसवां में 66 प्रतिशत बच्चे भाषा का मौलिक ज्ञान नहीं रखते हैं यानी बेसिक स्तर से बिलो हैं। इन आंकड़े को गंभीरता से देखा जाए तो बढ़ती कक्षा के साथ स्कूली बच्चों में भाषा की मौलिक ज्ञान बढ़ने के बजाय घटती जा रही है।

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जिले में शिक्षा व्यवस्था एवं स्कूली बच्चों के बीच शिक्षा के स्तर के मूल्यांकन को लेकर राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण की रिपोर्ट दसवीं कक्षा के लिए और भी चौंकाने वाली है। जारी रिपोर्ट के अनुसार दसवीं कक्षा के 66 प्रतिशत बच्चे भाषा, 29 प्रतिशत बच्चे गणित, 66 प्रतिशत बच्चे सामाजिक विज्ञान, 36 प्रतिशत बच्चे इंग्लिश एवं 76 प्रतिशत बच्चे विज्ञान का मौलिक ज्ञान नहीं रखते हैं यानी 76 प्रतिशत बच्चे बेसिक बिलो हैं।

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एनएएस द्वारा विभिन्न कक्षाओं के लिए जारी रिपोर्ट

कक्षा तीन

विषय---- बेसिक बिलो--- बेसिक प्रतिशत में भाषा----------- 44 -------- 32 गणित---------- 27-------- 43 इवीएस--------- 31------- 43

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कक्षा पांच भाषा ---- 27 -------- 34 गणित---- 38-------- 41 ईवीएस--- 32-------- 36

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कक्षा आठ भाषा----- 39------ 32 गणित--- 35------ 41 विज्ञान--- 45----- 32 सा.विज्ञान-- 44--- 38

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कक्षा दस भाषा----- 66 ------27 गणित--- 29------ 38 विज्ञान--- 76------ 17 स.विज्ञान-- 66---- 20 इंग्लिश--- 36------ 18

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कोट

शैक्षणिक स्तर में सुधार को लेकर कवायद की जा रही है। गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ प्रेरित किया जा रहा है।

कपिलदेव तिवारी, डीईओ, जमुई


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