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शारदीय नवरात्र : आज मां शैलपुत्री की होगी पूजा

जमुई। 17 अक्टूबर यानी आज से नवरात्रा शुरू हो रहा है। 17 अक्टूबर यानी आज से नवरात्रा शुरू हो रहा है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। भारतीय शास्त्रों में नवरात्रि में निर्वहन की जाने वाली परंपराओं का बड़ा महत्व बताया गया है। शनिवार को मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की विधि विधान के साथ पूजा होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:26 PM (IST)
शारदीय नवरात्र : आज मां शैलपुत्री की होगी पूजा
शारदीय नवरात्र : आज मां शैलपुत्री की होगी पूजा

जमुई। 17 अक्टूबर यानी आज से नवरात्रा शुरू हो रहा है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। भारतीय शास्त्रों में नवरात्रि में निर्वहन की जाने वाली परंपराओं का बड़ा महत्व बताया गया है। शनिवार को मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की विधि विधान के साथ पूजा होगी।

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नवरात्रि के दिनों में मां के दर्शन और पूजन से विशेष फल मिलता है। इस समय देवी मां के दर्शन करने से जीवन में सफलता मिलती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस मौके पर कई लोग घर में कलश स्थापित करते हैं और व्रत रखते है। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापना की जाती है।प्रतिपदा पर मां शैलपुत्री के स्वरूप का पूजन होता है। शैलपुत्री को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम माना गया है। मान्यता है कि नवरात्रि में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है। आज से नौ दिन तक मां शक्ति के स्वरूपों की आराधना की जाएगी। जमुई के दुर्गा देवी मंदिरों में मैया की जय-जयकार गूंज रही है।

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इस मंत्र का करें जाप

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

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क्या कहते हैं पुजारी

स्थानीय कचहरी चौक स्थित हनुमान मंदिर के पंडित मनोज पांडे ने बताया कि शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सभी शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम होता है। जो मध्यान्ह 11:36 से 12:24 तक होगा।

चूंकि चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना प्रशस्त नहीं माना गया है। अत: चित्रा नक्षत्र की समाप्ति दिन में 2:20 बजे के बाद किया जा सकेगा।

स्थिर लग्न कुम्भ दोपहर 2:30 से 3:55 तक होगा साथ ही शुभ चौघड़िया भी इस समय प्राप्त होगी अत: यह अवधि कलश स्थापना हेतु अतिउत्तम है।

दूसरा स्थिर लग्न वृष रात में 07:06 से 09:02 बजे तक होगा परंतु चौघड़िया 07:30 तक ही शुभ है अत: 07:08 से 07:30 बजे के बीच में कलश स्थापना किया जा सकता है। ---------


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