बच्चों को लगी संक्रमण की नजर, 49 नौनिहाल हुए संक्रमित
संवाद सहयोगी जमुई अब बच्चों को भी संक्रमण की नजर लगने लगी है। इससे बचाने के लिए काला टीका नहीं बल्कि मास्क शारीरिक दूरी के मंत्र को अपनाना होगा। वरना हम बड़ों की लापरवाही का खामियाजा बच्चे को भी भुगतना पड़ सकता है।
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-49 बच्चे हो चुके हैं संक्रमित
-इसमें दो साल का बच्चा भी शामिल
-12-17 आयु वर्ग के बच्चे पर कोरोना सख्त
- अभी इलाज के लिए अस्पताल आने की नहीं पड़ रही जरूरत
संवाद सहयोगी, जमुई : अब बच्चों को भी संक्रमण की नजर लगने लगी है। इससे बचाने के लिए काला टीका नहीं बल्कि मास्क, शारीरिक दूरी के मंत्र को अपनाना होगा। वरना हम बड़ों की लापरवाही का खामियाजा बच्चे को भी भुगतना पड़ सकता है।
जिले में अब तक 49 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं जिसमें एक की उम्र महज दो साल है। एक से 17 आयु वर्ग श्रेणी में संक्रमण ने 12-17 आयुवर्ग के किशोर पर नजर टेड़ी कर रखी है। इस आयु वर्ग में 38 तथा एक से 10 आयुवर्ष के 11 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। पहली व दूसरी लहर से इतर इस तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमित कर कोरोना ने और चिता बढ़ा दी है। इतना ही नहीं जिले में संक्रमण की रफ्तार भी डरावनी बनी है। पिछले दस दिन में आरटीपीसीआर में 660 नए संक्रमित पाए गए है। इसमें पिछले पांच दिन में ही 470 नए संक्रमित की पहचान हुई। यह स्थिति तब है जब विशेषज्ञ अभी पीक नहीं आने की बात कह रहे हैं। ऐसी रफ्तार पहली और दूसरी लहर में भी नहीं दिखी थी। दूसरी लहर में पहले दस दिन में 95 संक्रमित पाए गए थे। 20 दिनों में संक्रमितों की संख्या 661 हुई थी जबकि इस लहर में दस दिन में 660 संक्रमित पाए जा चुके हैं। इस लिहाज से फिलवक्त संक्रमण की रफ्तार पिछली लहर से दोगुनी कही जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार चार जनवरी से नौ जनवरी तक 190 तथा 10 जनवरी से 14 जनवरी तक 470 नए संक्रमित की पहचान हुई यानि दूसरे पांच दिन में संक्रमण की रफ्तार ढाई गुना तेज रही। बावजूद संक्रमण से बचाव को लेकर हमारी सतर्कता पहली और दूसरी लहर की अपेक्षाकृत कमतर दिखती है। राहत की बात यह है कि फिलवक्त अस्पताल भागने-दौड़ने की नौबत नहीं आई है। सभी संक्रमित होम क्वारंटाइन में है।